ठक-ठक गैंग: नई दिल्ली- दिल्ली पुलिस की उत्तर-पश्चिम जिला की स्पेशल स्टाफ टीम ने ‘ठक-ठक’ गैंग के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर नकदी चोरी के एक अहम मामले को सुलझाने में सफलता हासिल की है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से अपराध में प्रयुक्त एक स्कूटी भी बरामद की गई है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में चोरी और ठगी के मामलों में लिप्त गिरोहों पर प्रभावी अंकुश लगने की उम्मीद है।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
ठक-ठक गैंग: टायर पंचर है आपका
यह मामला 6 फरवरी 2025 का है जब सरस्वती विहार, पीतमपुरा निवासी संदीप अपनी बहन के साथ नई सड़क , पुरानी दिल्ली से दुकान बंद कर लौट रहे थे। जैसे ही वे केसवपुरम इलाके से गुजरे, दो अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें इशारा कर बताया कि उनकी कार का टायर पंचर हो गया है। संदीप ने तत्काल कार को रोका और टायर की जांच करने लगे। उसी समय एक तीसरे व्यक्ति ने कार की पिछली सीट पर रखे बैग को चुपचाप निकाल लिया, जिसमें चार लाख रुपये नकद और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। चोरी के बाद आरोपी मौके से स्कूटी पर फरार हो गए।
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जांच और पुलिस टीम की कार्रवाई
इस गम्भीर मामले की जांच के लिए डीसीपी भीसम सिंह ने स्पेशल स्टाफ की एक विशेष टीम का गठन किया गया जिसकी अगुवाई इंस्पेक्टर सोमवीर सिंह ने की। टीम में एसआई अजय, एसआई जगबीर, एएसआई देवेंद्र दहिया, एएसआई सोमवीर, हेड कांस्टेबल नरसी, सचिन, नवीन, जोगिंदर, सत्य, अमित, राजीव, हरीश, महिला कांस्टेबल रितु और कांस्टेबल अक्षय शामिल थे। इस टीम को ऑपरेशन्स एसीपी रणजीत ढाका के निर्देशन में कार्य सौंपा गया।
टीम ने घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की गहन समीक्षा की। फुटेज में चार लोग दो स्कूटी पर संदिग्ध अवस्था में देखे गए। तकनीकी निगरानी और निरंतर विश्लेषण के बाद दो आरोपियों की पहचान की गई। हेड कांस्टेबल नवीन नरवाल को मिली एक पुख्ता सूचना के आधार पर 5-6 दिन की सतत निगरानी के बाद पुलिस ने छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी और पूछताछ के खुलासे
गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं:
- नरेश उर्फ पन्ना पुत्र रमेश, निवासी मदनगिरी, दिल्ली, उम्र 25 वर्ष।
- मनीष पुत्र मुर्गेश उर्फ मुकेश, निवासी मदनगिरी, दिल्ली, उम्र 25 वर्ष।
पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार किया। उनके कब्जे से वह स्कूटी भी बरामद की गई जिसका प्रयोग इस वारदात को अंजाम देने में किया गया था।
नरेश का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है। उसके विरुद्ध पहले से तीन मामले दर्ज हैं अशोक विहार, मॉडल टाउन और जगतपुरी थानों में दर्ज हैं। दूसरी ओर, मनीष पहली बार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है।
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गैंग का तरीका (Modus Operandi)
गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि वे ‘ठक-ठक’ गैंग के सदस्य हैं, जो लोगों की गाड़ियों को निशाना बनाकर उनसे नकदी और कीमती सामान चोरी करते हैं। उनका तरीका बेहद शातिर होता है: सड़क पर चलते वाहनों को यह संकेत देते हैं कि गाड़ी का टायर पंचर है या कुछ गिर गया है। जैसे ही चालक गाड़ी रोककर बाहर आता है, उनका साथी पीछे से कार का दरवाजा खोलकर नकद या गहनों से भरा बैग लेकर फरार हो जाता है।
इनका मुख्य लक्ष्य ऐसे वाहन होते हैं जिनमें व्यापारी या पैसे से संबंधित गतिविधियों में लिप्त लोग सफर कर रहे होते हैं।
जब्त सामग्री और आगे की कार्रवाई
बरामद सामग्री:
- अपराध में प्रयुक्त एक स्कूटी।
पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वे अन्य किन वारदातों में संलिप्त रहे हैं और उनका नेटवर्क कितना व्यापक है।

पुलिस की सराहनीय तत्परता
इस केस को सुलझाने में इंस्पेक्टर सोमवीर सिंह और उनकी टीम की तत्परता और टीमवर्क को विशेष सराहना मिल रही है। उत्तर-पश्चिम जिले के पुलिस उपायुक्त आईपीएस भीष्म सिंह के कुशल नेतृत्व में की गई यह कार्रवाई अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए एक कड़ा संदेश है।