ड्रामा से क्राइम तक:  उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने किया अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ 2025 !

ड्रामा से क्राइम तक: फर्जी पहचान से घर में नौकरी और फिर सोने-हीरे की चोरी

ड्रामा से क्राइम तक:  उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने किया अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ 2025 !
ड्रामा से क्राइम तक:  उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने किया अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ 2025 !

ड्रामा से क्राइम तक: नई दिल्ली: उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस ने एक अत्यधिक योजनाबद्ध चोरी के मामले का खुलासा किया है, जिसमें फर्जी पहचान का सहारा लेकर घरेलू सहायक के रूप में घर में घुसपैठ की गई और लाखों रुपये मूल्य के आभूषणों की चोरी को अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस जालसाजी और चोरी में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से चोरी किए गए लगभग 237 ग्राम सोने व हीरे के आभूषण और तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

यह मामला दिल्ली के सुभाष प्लेस थाना क्षेत्र का है, जहां आरोपियों ने जालसाजी, टेक्नोलॉजी और संगठित योजना के ज़रिए एक सामान्य परिवार को निशाना बनाया। मुख्य आरोपी सूरज, जो पहले से हथियारबंद डकैती के मामले में वांछित था, ने फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से घर में घरेलू नौकर “सोनू” बनकर काम शुरू किया। जैसे ही उसे घर और उसकी सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी मिली, उसने अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया।

CRIME EPISODE टीपू सुल्तान

क्राइम एपिसोड

ड्रामा से क्राइम तक: डिनर के बाद मिला टूटा ताला और खाली अलमारी

दिनांक 26 अप्रैल 2025 की शाम, जब पीड़ित गौरव धिंगड़ा अपने परिवार के साथ बाहर खाने के बाद वापस लौटे, तो उन्होंने देखा कि उनका घर पूरी तरह बिखरा पड़ा था। घर के सभी ज्वेलरी बॉक्स खाली थे और घरेलू सहायक “सोनू” भी गायब था। उसका मोबाइल फोन भी बंद मिला। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई और मामला FIR संख्या 0287/25 के अंतर्गत थाना सुभाष प्लेस में दर्ज किया गया।

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जांच का तंत्र: कैसे पहुँची पुलिस चोरों तक

जांच का जिम्मा थाना प्रभारी निरीक्षक महेश कसाना और उनकी टीम को सौंपा गया, जिसमें एसआई रोहित चाहर, जितेंद्र, योगेश, एएसआई शशि, और प्रधान सिपाही अनिल, अंशुल, विशाल सहित एक अनुभवी टीम थी। निगरानी एसीपी शैलेन्द्र चौहान द्वारा की जा रही थी।

पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले, पर कोई स्पष्ट सुराग नहीं मिला।

“सोनू” के मोबाइल नंबर की CDR रिपोर्ट से पता चला कि वह पहले से ही चोरी का मोबाइल था, जिसका मामला थाना मोहन गार्डन में दर्ज था।

आधार कार्ड की जांच में पाया गया कि नंबर असली है लेकिन फोटो बदला गया था।

IPDR डेटा से इंटरनेट गतिविधियों का विश्लेषण किया गया, जिससे यह पुष्टि हुई कि “सोनू” वास्तव में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का सूरज है।

साजिश का खुलासा: कैसे रची गई योजना

तफ्तीश के दौरान पुलिस को पता चला कि यह कोई तात्कालिक चोरी नहीं थी, बल्कि पूर्व नियोजित अपराध था। मुख्य आरोपी सूरज ने दिल्ली में कई घरों की रेकी करने के बाद इस विशेष घर को चुना था। उसने अपने सहयोगी विजय को खिड़की से अंदर भेजा, जबकि स्वयं मुख्य द्वार से निकला ताकि किसी को शक न हो।

इसके बाद चोरी किए गए गहनों को गोंडा के दो सुनारों—प्रमोद कुमार सोनी और पवन साहू को बेच दिया गया। प्रमोद, अयोध्या के हनुमान मंदिर चोरी मामले (FIR 445/23) में भी आरोपी रह चुका है।

गिरफ्तारी की कार्रवाई: खेतों में पीछा कर पकड़ा गया सूरज

मुख्य आरोपी सूरज को कानपुर देहात में उसकी गर्लफ्रेंड के माध्यम से ट्रैक किया गया। पुलिस टीम ने 1.5 किलोमीटर तक खेतों में उसका पीछा कर उसे गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने अपनी प्रेमिका के लिए तीन खास आभूषण बचाकर रखे थे, जिन्हें पुलिस ने बाद में बरामद कर लिया।

गिरफ्तारी के दौरान जिन अन्य लोगों को पकड़ा गया, वे हैं:

करण (हरदोई, उ.प्र.) – स्कूटी पर बाहर खड़ा था, भागने में मदद के लिए।

सौरव (गोंडा) – सूरज का चचेरा भाई, जिसने फर्जी आधार बनवाया।

प्रमोद कुमार सोनी व पवन साहू (गोंडा) – चोरी का सामान जानबूझकर खरीदने में शामिल।

फरार गिरोह का खुलासा: कार्यप्रणाली (Modus Operandi)

फर्जी पहचान: फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से घरेलू नौकरी प्राप्त करना।

रेकी व घर की पहचान: अकेले रहने वालों व कम सुरक्षा वाले घरों को टारगेट करना।

डिजिटल सावधानी: चोरी के बाद सभी फोन बंद कर देना।

भौगोलिक छिपाव: चोरी के बाद उत्तर प्रदेश में छिपना, जहाँ लोकल नेटवर्क में मदद मिल सके।

सुनारों से सम्पर्क: गहनों की त्वरित नकदी में रूपांतरण।

मुख्य आरोपी सूरज पहले से ही थाना मोती नगर के FIR No. 614/24 में हथियारबंद डकैती के मामले में वांछित था।

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बरामद की गई वस्तुएं

पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर निम्न आभूषण और सामान बरामद किए:

गुलाबी पत्थर वाला ब्रेसलेट

सोने व हीरे के तनिष्क झुमके

मोती व हीरे के डैंगलर

पोल्की रिंग और स्टड

हरे पन्ने वाली फूल की अंगूठी

गुलाबी पोल्की स्टोन रिंग

माइकल कोर्स गोल्डन ब्रेसलेट

ब्लूस्टोन की अंगूठी

16.9 ग्राम पिघला हुआ सोना

तीन मोबाइल फोन

पुलिस की टिप्पणी:

उपायुक्त, उत्तर-पश्चिम जिला, आईपीएस भीष्म सिंह ने बताया:

“यह केस दिल्ली पुलिस की तकनीकी दक्षता, क्रॉस-स्टेट समन्वय और लगातार मेहनत का प्रतीक है। आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों और अंतर्राज्यीय नेटवर्क का सहारा लिया, लेकिन हमारी टीम ने पेशेवर तरीके से इस मामले को सुलझा लिया। आगे की जांच जारी है।”

CRIME EPISODE

पुलिस की सतर्कता ने रचा सुरक्षा का भरोसा

यह केस यह दर्शाता है कि आधुनिक तकनीक, सतर्कता, और तेज कार्रवाई कैसे एक सुनियोजित अपराध को बेनकाब कर सकती है। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने में सफल रही, बल्कि आमजन में सुरक्षा का विश्वास भी बढ़ाती है।

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