दिल्ली की सबसे बड़ी लूट: 26 नवंबर 2015 को, दिल्ली के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी नकदी चोरी की घटना घटी, जब एक नकदी वैन के चालक ने 22.5 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया।

यह घटना दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के गोविंदपुरी क्षेत्र में हुई थी और इसे राजधानी की सबसे बड़ी नकदी चोरी माना जाता है।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
दिल्ली की सबसे बड़ी लूट में एक गार्ड की चूक ने बैंक को लगाया ₹22.5 करोड़ का झटका
इस दिन, एक्सिस बैंक की नकदी वैन, जिसमें ₹22.5 करोड़ थे, गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास रुकी थी। वैन के सुरक्षा गार्ड विनय पटेल ने चालक प्रदीप शुक्ला से वैन रोकने को कहा ताकि वह शौच के लिए जा सके। जब गार्ड वापस लौटा, तो वैन और चालक दोनों गायब थे। यह घटना शाम 5:45 बजे पुलिस को रिपोर्ट की गई। बैंक अधिकारियों ने बताया कि उस दिन उनकी विकसपुरी शाखा से चार नकदी वैन रवाना हुई थीं, जिनमें कुल ₹38 करोड़ थे। जिस वैन में ₹22.5 करोड़ थे, वह दक्षिण-पूर्वी दिल्ली की ओर जा रही थी।
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चोरी के कुछ घंटों में खुलासा: सिर्फ ₹11हज़ार खर्च बाकी रकम सुरक्षित
पुलिस ने शहर भर में कई चेकपोस्ट स्थापित किए और सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी। सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और चश्मदीदों से पूछताछ की गई। कुछ घंटों बाद, पुलिस ने प्रदीप शुक्ला को ओखला औद्योगिक क्षेत्र के एक गोदाम से गिरफ्तार किया और अधिकांश चोरी की गई राशि बरामद की। उसके पास से केवल ₹11,000 खर्च हुए पाए गए, जो उसने शराब और अन्य वस्तुओं पर खर्च किए थे।
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जांच में खुलासा: कैश वैन में न सुरक्षा थी न निगरानी
इस घटना ने नकदी परिवहन की सुरक्षा और निगरानी प्रणालियों पर गंभीर सवाल उठाए। जांच में पाया गया कि वैन में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे और नकदी के बक्से उचित रूप से सुरक्षित नहीं थे। इसके अलावा, इतनी बड़ी राशि को एक ही वैन में ले जाना सुरक्षा मानकों के खिलाफ था।

2015 की लूटकांड से हिली राजधानी
2015 की नकदी वैन चोरी दिल्ली के इतिहास में सबसे बड़ी बैंक लूट के रूप में दर्ज है। इस घटना ने नकदी परिवहन की सुरक्षा और निगरानी प्रणालियों पर गंभीर सवाल उठाए थे।