नाइजीरियाई लिंक उजागर: पुलिस की सटीक कार्रवाई से हुआ बड़ा खुलासा 4.30 लाख की ड्रग्स जब्त

नाइजीरियाई लिंक उजागर: नई दिल्ली- देश की राजधानी दिल्ली में नशे का कारोबार लगातार पैर पसारता जा रहा है।

नाइजीरियाई लिंक उजागर: पुलिस की सटीक कार्रवाई से हुआ बड़ा खुलासा 4.30 लाख की ड्रग्स जब्त

ड्रग्स का यह जाल अब सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट भी इसमें शामिल हो चुके हैं। हाल ही में साउथ दिल्ली पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (AATS) ने एक ऐसे ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया है, जो नाइजीरिया से संचालित एक ड्रग सिंडिकेट के लिए काम कर रहा था।

आरोपी की पहचान नोएडा निवासी विशाल सिंह उर्फ बंटी (उम्र 29 वर्ष) के रूप में हुई है। उसके पास से कोकीन और एमडी (मेथम्फेटामाइन) जैसे खतरनाक नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं, जिनकी कुल कीमत बाजार में 4.30 लाख रुपये आंकी गई है।

CRIME EPISODE टीपू सुल्तान

क्राइम एपिसोड

नाइजीरियाई लिंक उजागर: कैसे हुआ आरोपी की गिरफ्तारी का खुलासा?

डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी टीम को सटीक सूचना मिली थी कि एक संदिग्ध ड्रग तस्कर दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके में मछली मार्केट रोड के पास किसी सौदे के लिए आने वाला है। सूचना के आधार पर AATS की टीम ने इलाके में जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी बाइक पर आता दिखाई दिया, पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस को देखकर उसने भागने की कोशिश की और बाइक की रफ्तार बढ़ा दी।

नाइजीरियाई लिंक उजागर: पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी का पीछा किया और कुछ ही दूरी पर उसे धर दबोचा। तलाशी के दौरान विशाल सिंह के पास से 29.70 ग्राम कोकीन और 5 ग्राम एमडी बरामद हुई। इसके साथ ही आरोपी की बाइक को भी जब्त कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ साकेत थाने में NDPS एक्ट की धारा 21 और 22 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।

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क्या है NDPS एक्ट की धारा 21 और 22?

NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) एक्ट के तहत धारा 21 और 22 बहुत अहम मानी जाती हैं:

  • धारा 21: यह धारा नशीली दवाओं की अवैध बिक्री, खरीदी, उत्पादन, कब्जे और उपयोग से संबंधित है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 10 से 20 साल तक की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • धारा 22: यह धारा मनोदैहिक पदार्थों (Psychotropic substances) से संबंधित अपराधों को कवर करती है।

नाइजीरियाई सिंडिकेट से जुड़ने की कहानी

नाइजीरियाई लिंक उजागर: पूछताछ के दौरान आरोपी विशाल सिंह ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि कुछ साल पहले वह दिल्ली-एनसीआर इलाके में बतौर टैक्सी ड्राइवर काम करता था। इसी दौरान उसकी पहचान एक अन्य टैक्सी ड्राइवर आकाश से हुई। आकाश को दिल्ली पुलिस पहले ही 2024 में ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। आकाश के जरिए ही विशाल नाइजीरियाई ड्रग तस्करों के संपर्क में आया।

नाइजीरियाई तस्करों ने विशाल को मोटी कमाई का लालच दिया। उसने स्वीकार किया कि शुरुआत में उसे इस काम में झिझक महसूस हुई, लेकिन पैसों की जरूरत और आसान कमाई के चक्कर में वह इस अवैध धंधे में कूद पड़ा। उसने बताया कि उसे हर डिलीवरी पर एक हजार रुपये मिलते थे। इन डिलीवरी में उसे ड्रग्स की एक निश्चित मात्रा लेकर दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के विभिन्न स्थानों पर पहुंचाना होता था।

डिलीवरी और संपर्क का तरीका

विशाल ने बताया कि नाइजीरियाई तस्कर उससे व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क करते थे। ड्रग्स की लोकेशन, डिलीवरी का समय और ग्राहक की जानकारी उसे मैसेज के जरिए दी जाती थी। वह अक्सर भीड़भाड़ वाली जगहों या पार्किंग में डिलीवरी करता था, जिससे किसी को शक न हो। इसके अलावा तस्कर उसे ‘ड्रॉप प्वाइंट’ की जानकारी देते थे, जहां ड्रग्स छोड़कर चले जाना होता था। बाद में ग्राहक वहां से खुद ड्रग्स उठा लेता था।

ड्रग्स की सप्लाई के लिए सिंडिकेट अलग-अलग लोकल टैक्सी ड्राइवरों और युवाओं को जोड़ रहा था, जो बेरोजगारी या पैसों की लालच में आसानी से इस जाल में फंस जाते हैं। विशाल भी इन्हीं में से एक था।

कोकीन और एमडी का इस्तेमाल और खतरे

विशाल के पास से जो ड्रग्स बरामद हुए, वे सामान्य नशे की चीजें नहीं हैं। कोकीन और एमडी दोनों ही हाई-एंड, जानलेवा और महंगे नशीले पदार्थ माने जाते हैं।

  • कोकीन: यह एक शक्तिशाली उत्तेजक (stimulant) ड्रग है, जो मस्तिष्क पर तीव्र प्रभाव डालती है। इसकी लत व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। अधिक मात्रा में लेने पर यह जानलेवा हो सकती है।
  • एमडी (मेथम्फेटामाइन): इसे पार्टी ड्रग भी कहा जाता है। यह न केवल लत लगाने वाला है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव में मतिभ्रम, मानसिक रोग, हृदय गति में वृद्धि और रक्तचाप की समस्याएं शामिल हैं।

इन दोनों पदार्थों की मांग दिल्ली-एनसीआर के पब, क्लब और हाई-सोसाइटी युवाओं के बीच काफी अधिक है, जिसकी वजह से इनकी तस्करी और बिक्री का नेटवर्क काफी तेजी से फैल रहा है।

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दिल्ली में ड्रग सिंडिकेट की बढ़ती सक्रियता

बीते कुछ महीनों में दिल्ली पुलिस ने कई ऐसे मामलों का खुलासा किया है, जिनमें विदेशी तस्कर, खासकर नाइजीरियाई नागरिक, ड्रग सिंडिकेट का संचालन कर रहे हैं। ये तस्कर भारतीय युवाओं को अपना मोहरा बनाकर उन्हें इस धंधे में उतारते हैं। हाल ही में पुलिस ने एक ऐसे सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था, जो ड्रग्स की सप्लाई कूरियर सर्विस के जरिए करता था।

दिल्ली पुलिस लगातार इस पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन जिस तरह से ड्रग सिंडिकेट अपने तरीके बदल रहा है और सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए ऑपरेशन चला रहा है, उससे पुलिस के लिए चुनौती बढ़ती जा रही है।

डिलीवरी लोकेशन और सिंडिकेट सदस्यों की हो रही पहचान

डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि आरोपी विशाल सिंह से पूछताछ की जा रही है और उससे जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह किन-किन स्थानों पर ड्रग्स की डिलीवरी कर चुका है और नाइजीरियाई ड्रग सिंडिकेट के किन सदस्यों से उसका संपर्क था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ड्रग्स के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है और युवाओं को इस जाल में फंसने से बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

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भारतीय युवाओं को बना रहे हैं ड्रग तस्करी का मोहरा

विशाल सिंह की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में नाइजीरियाई ड्रग सिंडिकेट गहराई तक अपनी जड़ें जमा चुका है। ये सिंडिकेट आसानी से पैसे कमाने की चाह में भारतीय युवाओं को फंसा रहे हैं। पुलिस की सक्रियता से एक बड़ा खुलासा जरूर हुआ है, लेकिन यह भी संकेत है कि अभी बहुत काम बाकी है। आवश्यकता है एक सशक्त और समन्वित अभियान की, जो नशे के इस जाल को जड़ से खत्म कर सके और युवाओं को एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य दे सके।

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