नई दिल्ली/नोएडा:(Crime Episode)– दिल्ली पुलिस की आउटर डिस्ट्रिक्ट साइबर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है।

इस कॉल सेंटर के जरिए पिछले 6-7 महीनों में करीब 6.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 2 मुख्य सरगना और 5 महिलाएं शामिल हैं।
Crime Episode With Tipu Sultan
फर्जी कॉल और मैलिशियस लिंक के जरिए ठगी
22 मार्च 2025 को साइबर पुलिस स्टेशन, आउटर डिस्ट्रिक्ट में एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शिकायतकर्ता ने 6,177 रुपये की ठगी का आरोप लगाया। ठगों ने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का लालच देकर फर्जी फोन कॉल और मैलिशियस लिंक के जरिए पीड़ित के बैंक खाते की गोपनीय जानकारी और ओटीपी हासिल कर लिया। इस शिकायत के आधार पर 28 मई 2025 को FIR नंबर 26/2025 दर्ज की गई, जिसमें BNS 2023 की धारा 318(4), 61(2), और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया।
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ठगों की धरपकड़ के लिए बनाई गई स्पेशल टीम
मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर पुलिस स्टेशन की एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें SI हरदीप, HC रविंदर, HC राकेश, W/HC लक्ष्मी, W/HC सुनीता, Ct. संदीप और Ct. अरविंद शामिल थे। इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर गजे सिंह, SHO/साइबर पुलिस स्टेशन, ने किया, और ACP/ऑपरेशंस नरेंद्र खत्री की निगरानी में जांच शुरू हुई।
बेसमेंट में चल रहा था हाई-टेक कॉल सेंटर
पुलिस ने तकनीकी जानकारी जैसे इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (IPDR), कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), और IMEI सर्च के जरिए ठगों का पता लगाया। जांच में पता चला कि नोएडा के सेक्टर-63 में एक इमारत के बेसमेंट में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। 29 मई 2025 को पुलिस ने नोएडा के कई सेक्टरों में छापेमारी की और सेक्टर-63 के D-60 बिल्डिंग में कॉल सेंटर का पता लगाया।
छापेमारी में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें मुख्य सरगना विकास नगर उर्फ विक्की (28 वर्ष, गौतम बुद्ध नगर, UP) और कुंदन सिंह उर्फ आशीष (31 वर्ष, गाजियाबाद, UP) शामिल हैं। इसके अलावा 22 वर्षीय दिव्यम (गाजियाबाद, UP) और 5 महिलाएं भी गिरफ्तार की गईं।

बरामद सामान
पुलिस ने छापेमारी में 24 मोबाइल फोन (16 हाई-एंड स्मार्टफोन, जिसमें Apple और OnePlus शामिल हैं, और 6 कीपैड फोन), 1 लैपटॉप, 1 टैबलेट और 6 डायरी/रजिस्टर बरामद किए, जिनमें ठगी के रिकॉर्ड दर्ज थे। इनमें से दो सैमसंग मोबाइल और एक सैमसंग टैबलेट का इस्तेमाल अपराध में किया गया था।
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ठगी का तरीका
पूछताछ में पता चला कि विकास और कुंदन पिछले 6-7 महीनों से इस कॉल सेंटर को मिलकर चला रहे थे। उनके टेलीकॉलर लोग क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर लोगों से फोन पर संपर्क करते थे। इसके बाद पीड़ितों को एक मैलिशियस लिंक भेजा जाता था, जिसके जरिए उनके बैंक खाते की गोपनीय जानकारी और ओटीपी हासिल कर लिया जाता था। इस तरह ठगों ने करीब 6.5 करोड़ रुपये की ठगी की।
आरोपियों का प्रोफाइल
विकास नगर उर्फ विक्की (28 वर्ष, गौतम बुद्ध नगर, UP) – मुख्य सरगना
कुंदन सिंह उर्फ आशीष (31 वर्ष, गाजियाबाद, UP) – मुख्य सरगना
दिव्यम (22 वर्ष, गाजियाबाद, UP)
5 महिलाएं – टेलीकॉलर के रूप में काम करती थीं
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस मामले में और पीड़ितों का पता लगाने और पैसे के लेन-देन का मनी ट्रेल खंगालने में जुटी है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस कॉल सेंटर का कोई और नेटवर्क से कनेक्शन है।

DCP का बयान
आउटर डिस्ट्रिक्ट के DCP सचिन शर्मा ने बताया कि यह एक संगठित साइबर अपराध था, जिसे तकनीकी और मानवीय खुफिया जानकारी के आधार पर पकड़ा गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि अनजान लिंक पर क्लिक करने और अपनी बैंक डिटेल्स शेयर करने से बचें। साइबर अपराध की शिकायत के लिए तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।