पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही? अगर पुलिस आपकी FIR (First Information Report) दर्ज नहीं करती है, तो आपके पास कानूनन कई अधिकार हैं जिनका उपयोग कर आप न्याय प्राप्त कर सकते हैं।

भारत का संविधान और आपराधिक न्याय प्रणाली नागरिकों को यह अधिकार देती है कि अगर उनके साथ कोई अपराध हुआ है, तो वे उसकी रिपोर्ट दर्ज करवा सकें। यदि पुलिस मना करती है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
1. पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही? तो पुलिस अधीक्षक (SP) या वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क करें
भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 154(3) के तहत:
आप अपने इलाके के जिला पुलिस अधीक्षक (SP) या वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को लिखित शिकायत दे सकते हैं।
आप मेल, व्हाट्सएप, डाक या व्यक्तिगत रूप से शिकायत दे सकते हैं।
SP चाहे तो FIR दर्ज करवा सकता है या जांच के लिए किसी अधीनस्थ अधिकारी को निर्देश दे सकता है।
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2. मजिस्ट्रेट के पास शिकायत करें (CrPC धारा 156(3)
अगर पुलिस और SP भी आपकी बात नहीं सुनते:
आप मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास एक याचिका दाखिल कर सकते हैं।
मजिस्ट्रेट पुलिस को FIR दर्ज करने और जांच शुरू करने का आदेश दे सकता है।
3. ऑनलाइन पोर्टल्स पर शिकायत दर्ज करें
अब अधिकांश राज्यों की पुलिस ने ऑनलाइन FIR और शिकायत पोर्टल शुरू किए हैं।
आप अपनी शिकायत राज्य पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट या राष्ट्रीय पुलिस पोर्टल (https://citizen.cep.india.gov.in) पर दर्ज कर सकते हैं।
4. मानवाधिकार आयोग या लोकायुक्त से शिकायत करें
यदि मामला गंभीर है, जैसे पुलिस की निष्क्रियता, पक्षपात, या धमकी, तो आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) या राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकते हैं।
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5. हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करें
अगर आपके पास पर्याप्त सबूत हैं कि पुलिस जानबूझकर FIR दर्ज नहीं कर रही:
आप संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर सकते हैं।
कोर्ट पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दे सकती है।
6. RTI डालें और जवाब मांगें
आप पुलिस थाने में RTI (सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005) के तहत पूछ सकते हैं कि आपकी FIR क्यों दर्ज नहीं की गई।
इससे पुलिस पर कानूनी दबाव पड़ता है।

FIR के लिए स्पष्ट विवरण दें और रिसीविंग कॉपी संभालकर रखें
FIR दर्ज करवाते समय घटना का विवरण स्पष्ट और सटीक दें।
FIR दर्ज न होने पर हमेशा लिखित शिकायत की कॉपी अपने पास रखें और उस पर पुलिस अधिकारी से रिसीविंग साइन लें।
FIR दर्ज करवाना आपका संवैधानिक और कानूनी अधिकार है। पुलिस को इसे दर्ज करने से मना करने का अधिकार नहीं है।