प्रेम के लिए धर्म बदला: फतेहपुर, उत्तर प्रदेश, 28 मई 2025, शाम 5:11 बजे IST: प्रेम की राहें कभी आसान नहीं होतीं। ये रास्ते कांटों से भरे होते हैं, और इन कांटों को पार करने के बाद भी कई बार प्रेम अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाता।

साहित्य और इतिहास में लैला-मजनू, हीर-रांझा जैसे अनगिनत प्रेमी जोड़ों की कहानियां भरी पड़ी हैं, जिन्होंने प्रेम की राह में तमाम मुश्किलें सहीं, लेकिन अक्सर अधूरी ही रह गईं। कुछ ऐसी ही मार्मिक कहानी उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सामने आई है, जहां एक युवक ने प्रेम के लिए अपना धर्म तक छोड़ दिया, लेकिन उसे बदले में सिर्फ धोखा और दर्द मिला। अब इस युवक ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया है और अपनी आपबीती बयां की है।
प्रेम के लिए धर्म बदला: यह कहानी है फतेहपुर के आबूनगर मोहल्ले में रहने वाले कुलदीप कुमार की, जो अब आरिफ बन चुका है। कुलदीप ने अपनी प्रेमिका अल्फिया के लिए हिंदू धर्म को छोड़कर मुस्लिम रीति-रिवाज अपनाए। उसने अपने हाथ पर बना ओम का टैटू मिटवाया, खत्ना कराया, और अपना नाम बदल लिया। लेकिन सारी कुर्बानियों के बाद भी अल्फिया के परिवार ने उसे स्वीकार नहीं किया और उसकी जिंदगी से दूर कर दिया। हताश और टूटा हुआ कुलदीप अब पुलिस की शरण में पहुंचा है, जहां उसने अपनी ससुराल के लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
मूसेपुर में बसा था प्यार का आशियाना
प्रेम के लिए धर्म बदला: कुलदीप और अल्फिया की मुलाकात कुछ साल पहले हुई थी। पहली नजर में ही दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। धीरे-धीरे उनकी मुलाकातें बढ़ीं, और दोनों ने जिंदगी भर साथ रहने का फैसला कर लिया। लेकिन दोनों के अलग-अलग धर्म इस रिश्ते में सबसे बड़ी बाधा बन गए। कुलदीप हिंदू था, जबकि अल्फिया मुस्लिम। परिवार वालों को यह रिश्ता कबूल नहीं था। फिर भी, दोनों ने हार नहीं मानी और 6 अप्रैल 2023 को लव मैरिज कर ली। शादी के बाद उन्होंने मूसेपुर इलाके में अपना नया घर बसाया। कुछ समय तक सब ठीक रहा, और दोनों अपनी छोटी-सी दुनिया में खुश थे। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिकी।
यह भी पढ़े:
दिल्ली पुलिस मे हुआ बड़ा फेरबदल कई DCP इधर से उधर 2025 !
ऑपरेशन लंगड़ा: यूपी पुलिस ने 24 घंटे में 10 एनकाउंटर अपराधियों में दहशत
ससुराल की ओर से दबाव और धर्मांतरण
प्रेम के लिए धर्म बदला: शादी के कुछ ही दिनों बाद अल्फिया की मां फरीदा और भाई सूफियान ने हस्तक्षेप शुरू कर दिया। उन्होंने अल्फिया पर दबाव बनाया कि वह कुलदीप को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करे। अल्फिया ने शुरुआत में इस मांग को टालने की कोशिश की, लेकिन जब कुलदीप को इसकी भनक लगी, तो उसने प्रेम की खातिर यह कदम उठाने का फैसला कर लिया। उसने अपने दाहिने हाथ पर बना ओम का टैटू मिटवा दिया।
कुछ समय तक ससुराल वाले शांत रहे, लेकिन जल्द ही उन्होंने फिर से अल्फिया को भड़काना शुरू कर दिया। इस बार उन्होंने खत्ना कराने की मांग रखी। कुलदीप ने इस मांग को भी मान लिया और एक साल पहले खत्ना कराकर पूरी तरह से धर्मांतरण कर लिया। उसने अपना नाम बदलकर आरिफ रख लिया।
नन्हा मेहमान और फिर बिछड़न का दर्द
इसी बीच अल्फिया गर्भवती हो गई। 2 अप्रैल 2025 को उसने ज्वालागंज नर्सिंगहोम में एक बच्चे को जन्म दिया। कुलदीप और अल्फिया की खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्हें लग रहा था कि अब उनका परिवार पूरा हो गया है और जिंदगी पटरी पर आ जाएगी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 22 अप्रैल को अल्फिया की मां और भाई बच्चे से मिलने के बहाने आए। उन्होंने अल्फिया को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। जब कुलदीप को इसकी खबर मिली, तो वह अपनी पत्नी और बच्चे को वापस लाने के लिए ससुराल पहुंचा, लेकिन वहां उसे सख्त मना कर दिया गया।
पत्नी और बच्चे से मिलने से रोका गया
कुलदीप का आरोप है कि अल्फिया की मां फरीदा, भाई सूफियान, साढ़ू पप्पू, तुर्की और वारिस ने उसे अपने परिवार से मिलने से रोक दिया। उसने बताया कि इन लोगों ने उसे पूरी तरह से मुस्लिम धर्म न अपनाने पर जान से मारने की धमकी दी। कुलदीप ने कहा कि उसने तो एक साल पहले ही धर्मांतरण कर लिया था और अब आरिफ बन चुका है, लेकिन इसके बावजूद उसे अपनी पत्नी और बच्चे से दूर रखा जा रहा है। इस दुख और मजबूरी के बीच उसने आखिरकार पुलिस में शिकायत दर्ज करने का फैसला किया।
कुलदीप की तहरीर से उभरा साजिश का शक
कुलदीप ने अपनी ससुराल के पांच लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। उसने पुलिस को बताया कि उसने प्रेम के लिए सारी हदें पार कर दीं, फिर भी उसे धोखा मिला। फतेहपुर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि मामले की तह तक जाकर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी तक अल्फिया के परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
समाज में चर्चा और संवेदनशीलता
प्रेम के लिए धर्म बदला: यह घटना फतेहपुर में चर्चा का केंद्र बन गई है। स्थानीय लोग और सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर अलग-अलग राय देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे प्रेम में मिले धोखे की मिसाल मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक दबाव और संवेदनशीलता से जोड़कर देख रहे हैं। हिंदू संगठनों ने इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है और इसे प्रेम के नाम पर धर्मांतरण की साजिश करार दिया है। दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि यह एक निजी विवाद है, जो भावनात्मक उथल-पुथल का नतीजा है।
प्रेम की कुर्बानी और अधूरी दास्तान
कुलदीप की कहानी प्रेम की राह में दी गई कुर्बानी और उसके बाद मिले दर्द को बयां करती है। उसने अल्फिया के लिए अपना धर्म, अपनी पहचान, और अपनी जिंदगी की दिशा तक बदल दी, लेकिन बदले में उसे सिर्फ बिछड़न और धमकियां मिलीं। यह घटना न केवल एक प्रेम कहानी का दुखद अंत दर्शाती है, बल्कि समाज में प्रेम और धर्म के बीच की जटिलताओं को भी उजागर करती है।
जब सामाजिक मान्यताएं रिश्तों पर हावी हो जाती हैं
सामाजिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामले प्रेम और सामाजिक मान्यताओं के बीच टकराव को दर्शाते हैं। एक विशेषज्ञ ने कहा, “प्रेम में धर्म और परिवार की दीवारें अक्सर सबसे बड़ी चुनौती बनती हैं। ऐसे मामलों में संवाद और समझदारी की जरूरत होती है, लेकिन जब दबाव और धमकियां हावी हो जाती हैं, तो रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं।”
बाकी खबरों से संबंधित जानकारी :
नशेड़ियों ने दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर को चाकू से मारा | Crime Episode
नकली टिकट का नकली धंधा ,साइबर ने किया बड़ा खुलासा | Crime Episode
नशे के कारोबारियों ने गोली मारकर की हत्या | Crime Episode
कुलदीप की कहानी में छिपा दर्द
पुलिस की जांच से ही यह साफ होगा कि कुलदीप के साथ जो हुआ, वह एक सुनियोजित साजिश थी या महज एक रिश्ते का टूटना। फिलहाल, कुलदीप अपनी पत्नी और बच्चे को वापस पाने की उम्मीद में पुलिस और कानून की मदद का इंतजार कर रहा है। यह कहानी प्रेम के उस पहलू को सामने लाती है, जहां कुर्बानियां तो बहुत होती हैं, लेकिन मंजिल तक पहुंचने की गारंटी नहीं होती।

प्रेम की राह में पहचान की कीमत
फतेहपुर की यह घटना प्रेम की जटिल राहों और उसमें छिपे दर्द को बयां करती है। कुलदीप से आरिफ बने इस युवक की कहानी समाज के सामने कई सवाल खड़े करती है। क्या प्रेम के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी जायज है? और क्या प्रेम के नाम पर दी गई कुर्बानी का अंजाम हमेशा दुखद ही होगा? इन सवालों का जवाब शायद समय और जांच के बाद ही मिलेगा। तब तक, यह कहानी प्रेम के अधूरे सपनों की एक और मिसाल बनकर रह गई है।