बाइक चोरी गैंग का खुलासा: नई दिल्ली की बुराड़ी पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे इंटर स्टेट बाइक चोरी गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसने चोरी की 500 से अधिक गाड़ियों को पुर्जों में बदलकर देशभर में बेच दिया।
यह गैंग विशेष रूप से रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइकों को निशाना बनाता था। इन चोरों ने चोरी की गई बाइकों को पुर्जों में तब्दील करने के बाद कूरियर और पार्सल के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन नाबालिग शामिल हैं।
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बाइक चोरी गैंग का खुलासा: पुलिस ने 250 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले
बाइक चोरी गैंग का खुलासा: यह मामला 25 नवंबर को उस समय सामने आया जब बुराड़ी निवासी आनंद सिंह ने अपनी बुलेट बाइक चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने रात में अपनी बाइक घर के बाहर खड़ी की थी, लेकिन सुबह वह गायब मिली। पुलिस की जांच में पता चला कि उसी रात क्षेत्र से दो अन्य बुलेट बाइक भी चोरी हुई थीं।
पुलिस टीम ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू की। इसके लिए 250 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिससे पता चला कि इन वारदातों में छह लोग शामिल थे। इसके बाद पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की मदद से खजूरी इलाके से एक नाबालिग को पकड़ा।
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बाइक चोरी गैंग का खुलासा: नाबालिगों के जरिए संगठित तरीके से गैंग का संचालन
पुलिस ने बताया कि यह गैंग बाइक चोरी के लिए नाबालिगों को हायर करता था। पकड़े गए नाबालिग ने खुलासा किया कि वह शाहनवाज उर्फ हसन खान के लिए काम करता है और हर चोरी की बाइक के लिए उसे 1,000 रुपये मिलते थे।
शाहनवाज के निर्देश पर उसने अन्य दो नाबालिगों के साथ मिलकर बुराड़ी इलाके से तीन बुलेट बाइकों की चोरी की थी। चोरी की गई गाड़ियों को गाजियाबाद के लोनी इलाके में मोहम्मद फारुख के गोदाम में बेच दिया जाता था।
बाइक चोरी गैंग का खुलासा: गाजियाबाद के गोदाम में चोरी के नेटवर्क का पर्दाफाश
पुलिस ने शाहनवाज और अन्य दो नाबालिगों को भी पकड़ लिया। इसके बाद टीम गाजियाबाद के लोनी इलाके में स्थित फारुख के गोदाम पहुंची। वहां पुलिस ने 11 बाइक और कई पुर्जे बरामद किए। गोदाम में चोरी की गई गाड़ियों को काटकर उनके पुर्जों को अलग कर दिया जाता था।
पुलिस को यह भी पता चला कि यह गिरोह गाड़ियों को काटने के बाद उनके पुर्जों को सूरत, पुणे, बेंगलुरु और अन्य राज्यों में भेज देता था। डीसीपी राजा बांठिया ने बताया कि यह गैंग अब तक 4 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की बाइकों को पुर्जों में तब्दील कर बेच चुका है।
बाइक चोरी गैंग का खुलासा: गैंग के मास्टरमाइंड का पर्दाफाश
पुलिस ने बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड शाहनवाज उर्फ हसन खान और रिसीवर मोहम्मद फारुख थे। फारुख ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह नवंबर 2022 से चोरी की गाड़ियों का यह सिंडिकेट चला रहा है। उसने बताया कि गाड़ियों को काट देने के बाद पकड़े जाने का जोखिम कम हो जाता है।
फारुख ने यह भी खुलासा किया कि वह पिछले 5-6 महीनों में करीब 350 गाड़ियों को पुर्जों में बदलकर बेच चुका है। चोरी के पुर्जों की डिमांड देशभर में होती थी, और वह उन्हें ऑन-डिमांड विभिन्न राज्यों में भेजता था।
बाइक चोरी गैंग का खुलासा: पुलिस की दिन-रात की मेहनत लाई रंग
पुलिस ने गिरोह के सरगनाओं शाहनवाज और फारुख को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। उनकी निशानदेही पर चोरी की 20 और गाड़ियां, 51 नंबर प्लेट, 10 चेसिस और कई अन्य पुर्जे बरामद किए गए।
इस मामले में डीसीपी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने में पुलिस टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। टीम के सदस्यों ने कई रातों तक निगरानी की और घटना स्थलों के आसपास सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया।
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पुर्जों की कूरियर के जरिए डिलीवरी का जाल
गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद संगठित थी। यह गाड़ियां चुराने के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल करता था, जो चोरी के बाद गाड़ियों को फारुख के गोदाम पर पहुंचा देते थे। वहां गाड़ियों को काटकर उनके पुर्जों को अलग किया जाता था।
इसके बाद पुर्जों को पार्सल और कूरियर के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में भेज दिया जाता था। इस प्रक्रिया में फारुख और शाहनवाज का एक पूरा नेटवर्क काम करता था, जो पुर्जों को बेचने से लेकर उनकी डिलीवरी तक का काम संभालता था।
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पुलिस जांच के दायरे में खरीदारों का नेटवर्क
फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। वे इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि चोरी के पुर्जों को खरीदने वाले और कौन-कौन लोग इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।
चोरी की बाइकों को पुर्जों में बेचने का खुलासा
दिल्ली पुलिस द्वारा इस इंटर स्टेट बाइक चोरी गैंग का भंडाफोड़ करना एक बड़ी उपलब्धि है। इस कार्रवाई से न केवल चोरी की गई बाइकों के कई मामले सुलझे हैं, बल्कि एक संगठित अपराध सिंडिकेट का भी अंत हुआ है। पुलिस की इस सफलता ने ऐसे गैंग के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है और बाइक मालिकों में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है।