बिहार में शराबबंदी फेल? बिहार में शराबबंदी के बाद से पुलिस ने अब तक कई तस्करी के नए-नए तरीके पकड़े हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग और बेहद हैरान करने वाला है।

राज्य के बेतिया जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां शराब की तस्करी के लिए घोड़े का इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए न केवल घोड़े को जब्त किया, बल्कि उसके साथ ले जाई जा रही लगभग 50 लीटर अवैध देसी शराब भी बरामद कर ली।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
पेटियों में मिली 50 लीटर विदेशी शराब
बिहार में शराबबंदी फेल? घटना बेतिया जिले के नोतन थाना क्षेत्र की है। स्थानीय पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति शराब की खेप एक विशेष मार्ग से ला रहा है। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घोड़े को रोका गया, तो उसके दोनों तरफ बंधी पेटियो में कुछ संदिग्ध सामान मिला। जब इन पेटियों की जांच की गई, तो उनमें से विदेशी शराब की बोतलें निकलीं। कुल मिलाकर, पुलिस ने करीब 50 लीटर शराब जब्त की।
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घोड़ा तस्करी का जरिया कैसे बना?
शराबबंदी के बाद तस्कर लगातार नए रास्ते और तरीके अपनाते रहे हैं। इस मामले में आरोपी ने सोचा कि घोड़े का इस्तेमाल करने से किसी को शक नहीं होगा। बताया जा रहा है कि घोड़े को अकेले ही एक खास रूट पर प्रशिक्षित कर भेजा गया था और गंतव्य स्थान पर दूसरा व्यक्ति शराब लेने आता था। इस तकनीक से तस्कर खुद सामने नहीं आता और पकड़े जाने का खतरा भी कम होता है।
घोड़े के जरिए की जा रही थी शराब की सप्लाई
नोतन थाने के एसएचओ ने बताया कि,
“हमें सूचना मिली थी कि अवैध शराब एक घोड़े की सहायता से तस्करी की जा रही है। हमने इलाके में घेराबंदी की और घोड़े को रोककर जांच की। उसके पास से 50 लीटर देसी शराब बरामद की गई। घोड़े को फिलहाल पुलिस कस्टडी में रखा गया है और इस मामले में शामिल व्यक्तियों की पहचान की जा रही है।”
अब घोड़े का क्या होगा?
घोड़े को जब्त कर स्थानीय पशुपालन विभाग को सौंपा गया है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि तस्करी में इस्तेमाल होने वाला यह घोड़ा कहां से लाया गया था और इस नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं।
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इस घटना ने खड़े किए कई सवाल:
• क्या तस्करों ने जानवरों को तस्करी का जरिया बनाना शुरू कर दिया है?
• क्या पुलिस को अब गाड़ियों के अलावा जानवरों पर भी नजर रखनी पड़ेगी?
• क्या यह घटना शराबबंदी के नियमों की असलियत को उजागर करती है?
राज्य में लगातार मिल रही है अवैध शराब
बता दें कि बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी। इसके बावजूद राज्य में अवैध शराब का कारोबार एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। आए दिन कहीं न कहीं से शराब की बरामदगी की खबरें सामने आती रहती हैं।

तस्करों की चालाकी पर भारी पड़ी पुलिस की चौकसी
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि तस्कर किस हद तक जा सकते हैं और कानून से बचने के लिए कैसे-कैसे उपाय करते हैं। लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते एक अनोखा तरीका बेनकाब हुआ है। अब देखना यह होगा कि इस नेटवर्क के पीछे कौन-कौन लोग हैं और उन्हें कब तक पकड़ा जाता है।