सीमापुरी केस: दिल्ली के सीमापुरी थाना क्षेत्र में सामने आए इस मामले में एक युवती ने आरोप लगाया कि उसके दोस्त के भाई ने डरा-धमकाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।

वहीं, आरोपी के परिवार की ओर से कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें युवती पूरी मर्जी से उसके साथ दिख रही है। इससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह मामला सहमति से बना रिश्ता था या फिर वास्तव में जबरदस्ती?
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
1. सीमापुरी केस: युवती का आरोप डर और धमकी का खेल
सीमापुरी केस: 20 वर्षीय युवती, जिसे हम यहां रूबीना (बदला हुआ नाम) कहेंगे, ने अपने बयान में कहा कि:
- उसे स्नेपचैट पर एक आईडी से रिक्वेस्ट मिली थी, जो उसने समझा कि उसकी सहेली नजरीन की है।
- बाद में पता चला कि वह ID नजरीन के भाई आदिल (बदला हुआ नाम) की थी।
- उसने बातचीत बंद कर दी, लेकिन आदिल उसे धमकाने लगा – जान से मारने और परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
- युवती का आरोप है कि आदिल ने जबरन होटल किंग में बुलाया और पीटा व रेप किया।
- इसी तरह तीन बार होटल में ले जाकर संबंध बनाए गए।
- 26 मार्च को आदिल ने फिर से उसका रास्ता रोका और कहा कि अगर उसने ईद तक शादी के लिए नहीं मानी, तो उस पर तेजाब डाल देगा।
4 अप्रैल को युवती की शिकायत पर सीमापुरी थाने में आईपीसी की धारा 376 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
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2. आरोपी का पक्ष: वीडियो में दूसरी कहानी
आरोपी आदिल के परिवार की मानें तो:
- दोनों के बीच सहमति से रिश्ता था।
- दोनों ने साथ में कई वीडियो और रील्स बनाई हैं।
- एक वीडियो में तो दोनों हमबिस्तर हैं और युवती पूरी सहजता से कैमरे की ओर देखकर मुस्करा रही है।
- युवती के हाव-भाव से नहीं लगता कि वह किसी भी तरह से डरी या दबाव में है।
परिवार का दावा है कि आदिल का मानसिक रूप से भी इलाज चल रहा है और उसे जानबूझकर फंसाया गया है।
3. पुलिस जांच: सबूतों की परख
- पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
- आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
- पुलिस को आरोपी द्वारा दिए गए वीडियो सबूत भी मिल गए हैं और उनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
- दोनों पक्षों के बयान और सबूतों के आधार पर केस की जांच जारी है।
4. कानून और सहमति का सवाल
इस केस ने एक बार फिर उस सवाल को उठा दिया है जो अक्सर ऐसे मामलों में सामने आता है:
- क्या केवल सहमति से बने वीडियो यह साबित कर सकते हैं कि कोई संबंध भी सहमति से बना?
- क्या कोई महिला बाद में सहमति वापस लेकर मामला दर्ज कर सकती है?
- क्या कानून दोनों पक्षों की मानसिक अवस्था और दबाव की स्थिति को बराबर मानता है?
भारत में रेप कानून बहुत सख्त हैं, लेकिन इनका दुरुपयोग न हो, यह भी जरूरी है।
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5. समाज की नज़र: कौन दोषी कौन निर्दोष?
ऐसे मामलों में समाज अक्सर एकतरफा राय बना लेता है। कई बार आरोपी के परिवार को समाज से बहिष्कृत किया जाता है, जबकि अदालत में मामला साबित होना बाकी होता है। वहीं, अगर युवती के आरोप सही हैं तो उसे न्याय मिलना बेहद जरूरी है।

पुलिस जांच की निष्पक्षता ही दिला सकती है न्याय
सीमापुरी केस एक जटिल मामला है जिसमें दोनों पक्षों के पास अपने-अपने तर्क और सबूत हैं। पुलिस पर अब जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्षता से जांच करे और सच्चाई सामने लाए। यह मामला हमें याद दिलाता है कि किसी भी आरोप या वीडियो को देखकर तुरंत निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं है। हर कहानी के दो पहलू होते हैं – और न्याय तभी होता है जब दोनों को समान रूप से सुना जाए।