सीलमपुर मर्डर केस: दिल्ली की गलियों में एक बार फिर अपराध का साया गहराता जा रहा है।

इस बार मामला है राजधानी के पूर्वोत्तर जिले के सीलमपुर इलाके का, जहां 17 साल के एक किशोर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्याकांड में पुलिस ने एक ऐसी महिला को हिरासत में लिया है, जिसे इलाके में लोग ‘लेडी डॉन’ के नाम से जानते हैं। महज 22 साल की ज़ीकरा नाम की इस महिला का नाम सामने आने के बाद दिल्ली के अपराध जगत में खलबली मच गई है।
इस सनसनीखेज वारदात ने सिर्फ एक मासूम की जान ही नहीं ली, बल्कि उस गैंगस्टर कल्चर की भी परतें खोल दी हैं, जो दिल्ली के नाबालिग बच्चों की जिंदगी को अपराध की दलदल में धकेल रहा है।
ज़ीकरा न केवल खुद अपराध की दुनिया में सक्रिय है, बल्कि उसने नाबालिग लड़कों का एक गैंग खड़ा कर रखा था, जिसमें 8 से 10 किशोर शामिल थे। पुलिस के मुताबिक, कुणाल की हत्या इसी गैंग के दो फरार सदस्यों ने की है।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
सीलमपुर मर्डर केस: एक बच्चे की मौत और पूरे मोहल्ले में दहशत
घटना गुरुवार रात की है। 17 साल का कुणाल रोज की तरह मोहल्ले में दोस्तों के साथ गली में खड़ा था। तभी कुछ लड़के आए और अचानक उस पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि कुणाल पर चाकू और पिस्टल से वार किए गए। वह वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़ा। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई। परिजन और पड़ोसी गुस्से में थे। सीलमपुर पुलिस तुरंत हरकत में आई और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई। जांच में जल्द ही दो नाबालिग लड़कों के नाम सामने आए, जो घटना के बाद से फरार हैं। साथ ही एक नाम और उभरा — ‘ज़ीकरा’।
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कौन है ज़ीकरा? ‘लेडी डॉन’ कैसे बनी?
22 वर्षीय ज़ीकरा का असली नाम कोई नहीं जानता। इलाके में वह सिर्फ ‘लेडी डॉन’ के नाम से पहचानी जाती है। एक दो साल की बच्ची की मां ज़ीकरा अपने पति से अलग रहती है। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, ज़ीकरा लंबे समय से मस्तान गैंग की सदस्य है। इस गैंग का लीडर शोएब मस्तान फिलहाल चोरी और अवैध हथियार रखने के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद है।
शोएब के जेल जाने के बाद ज़ीकरा ने इलाके में गैंग की कमान संभाल ली। उसका शौक हथियार रखना और पिस्तौल के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें अपलोड करना है। पुलिस ने बताया कि आर्म्स एक्ट के तहत पहले भी ज़ीकरा को गिरफ्तार किया जा चुका है। वह खुलेआम बंदूक लहराते वीडियो बनाती थी और नाबालिग लड़कों का गैंग तैयार कर रही थी।
किशोरों का गैंग और हिंसा की सनक
पुलिस जांच में सामने आया कि ज़ीकरा ने 8-10 किशोर लड़कों को अपने गैंग में शामिल कर रखा था। इनमें से कई की उम्र 14 से 17 साल के बीच है। ये लड़के ज़ीकरा के कहने पर नशा, मारपीट, वसूली और हथियारों की तस्करी जैसे अपराध करते थे।
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “इन बच्चों को अपराध की तरफ धकेलने में ज़ीकरा का बड़ा हाथ है। वह इन्हें गाड़ियों में घुमाती थी, पिस्टल चलाना सिखाती थी और सोशल मीडिया पर गैंगस्टर वाली इमेज बनाती थी।”
खास बात यह भी कि दो आरोपी लड़के जो कुणाल की हत्या के बाद फरार हैं, उन्हीं के ज़रिए ज़ीकरा इलाके में अपना खौफ कायम कर रही थी।
कुणाल की हत्या: बदले की कहानी
पुलिस को शक है कि कुणाल की हत्या पिछले साल नवंबर में हुई एक पुरानी रंजिश का नतीजा है। जानकारी के मुताबिक, इलाके के ही लाला नाम के युवक ने नवंबर में एक आरोपी लड़के पर चाकू से हमला किया था। उसी का बदला लेने के लिए कुणाल को निशाना बनाया गया।
पुलिस का मानना है कि ज़ीकरा ने इस बदले की प्लानिंग में भूमिका निभाई और नाबालिग लड़कों को उकसाया। हत्या के बाद वह भी घटनास्थल के आसपास मंडराती देखी गई थी।
पुलिस की कार्रवाई और पूछताछ
घटना के बाद ज़ीकरा को गिरफ्तार कर शनिवार को अदालत में पेश किया गया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अनमोल नोहरिया ने ज़ीकरा को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस उससे हत्या में इस्तेमाल हथियार और फरार आरोपियों के बारे में पूछताछ कर रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमें ज़ीकरा से कई अहम जानकारियां मिली हैं। वह फरार लड़कों के ठिकानों और अपने गैंग के अन्य अपराधों की जानकारी दे रही है। साथ ही, उसकी सोशल मीडिया एक्टिविटी भी खंगाली जा रही है।”
गैंगस्टर कल्चर का बढ़ता खतरा
इस मामले ने राजधानी में बढ़ते गैंग कल्चर और किशोरों के अपराध की समस्या को फिर उजागर कर दिया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, पिछले दो साल में राजधानी में किशोरों द्वारा किए गए अपराधों की संख्या 25% तक बढ़ी है। इन किशोरों को ज़्यादातर बेरोजगारी, परिवारिक कलह और सोशल मीडिया गैंगस्टर कल्चर की वजह से अपराध की ओर धकेला जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि नाबालिगों को गैंग में शामिल कर उनसे अपराध करवाना आसान होता है, क्योंकि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत उन्हें कड़ी सजा नहीं मिलती। यही वजह है कि गैंगस्टर महिलाएं और पुरुष अब किशोरों को अपना मोहरा बना रहे हैं।
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इलाके में तनाव और पुलिस का अलर्ट
कुणाल की हत्या के बाद सीलमपुर और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और लगातार गश्त की जा रही है। मोहल्ले के लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस का सहयोग करें।
इलाके के पार्षद ने भी मोहल्ले में शांति बनाए रखने की अपील की है।

नतीजा क्या होगा?
ज़ीकरा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब फरार आरोपियों और पूरे गैंग नेटवर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। इस केस ने दिल्ली पुलिस को एक बड़ा सबक भी दिया है — नाबालिगों को अपराध से बचाने के लिए सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर गंभीर कदम उठाने होंगे।
फिलहाल सीलमपुर के लोग खौफ और गुस्से के बीच इस केस के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्या के दोनों आरोपी लड़के और गैंग से जुड़े बाकी लोगों को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा।