सुरक्षा के मौन प्रहरी: दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड 2025 !

सुरक्षा के मौन प्रहरी: दिल्ली, देश की राजधानी, जहां सुरक्षा की चुनौतियाँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं, वहां दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सुरक्षा के मौन प्रहरी: दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड 2025 !
सुरक्षा के मौन प्रहरी: दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड 2025 !

ये प्रशिक्षित कुत्ते न केवल बम और नशीले पदार्थों की पहचान करते हैं, बल्कि अपराधियों की तलाश और गुमशुदा व्यक्तियों की खोज में भी सहायक हैं।

CRIME EPISODE टीपू सुल्तान

क्राइम एपिसोड

डॉग स्क्वॉड का गठन और संरचना

दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड, जिसे K-9 यूनिट भी कहा जाता है, अपराध शाखा के अधीन कार्यरत है। इसमें विभिन्न नस्लों के कुत्ते जैसे लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन मेलिनोइस और गोल्डन रिट्रीवर शामिल हैं। वर्तमान में, इस यूनिट में 64 प्रशिक्षित कुत्ते हैं, जिनमें 49 विस्फोटक पहचान विशेषज्ञ और 13 ट्रैकर कुत्ते हैं ।

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प्रमुख कार्य और जिम्मेदारियाँ

विस्फोटक और बम की पहचान: K-9 यूनिट के कुत्ते बम की धमकियों के मामलों में सबसे पहले मौके पर पहुंचते हैं और संदिग्ध वस्तुओं की पहचान करते हैं। उनके संकेतों के आधार पर ही क्षेत्र को सुरक्षित घोषित किया जाता है ।

नशीले पदार्थों की खोज: विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्ते नशीले पदार्थों की पहचान में सक्षम हैं, जिससे ड्रग्स से संबंधित अपराधों की रोकथाम में मदद मिलती है।

अपराधियों की तलाश और गुमशुदा व्यक्तियों की खोज: ट्रैकर कुत्ते अपराध स्थल से मिले सुरागों के आधार पर अपराधियों की तलाश में सहायक होते हैं। इसके अलावा, ये कुत्ते गुमशुदा बच्चों और बुजुर्गों की खोज में भी उपयोगी हैं।

विशेष आयोजनों में सुरक्षा: गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों में डॉग स्क्वॉड की तैनाती सुनिश्चित की जाती है ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक न हो।

सुरक्षा के मौन प्रहरी: दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड 2025 !
सुरक्षा के मौन प्रहरी: दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड 2025 !

खास हुनरमंद होते हैं डॉग स्क्वॉड के कुत्ते

डॉग स्क्वॉड के कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें उन्हें विभिन्न प्रकार के विस्फोटकों, नशीले पदार्थों और मानव गंध की पहचान सिखाई जाती है। प्रशिक्षण के दौरान, कुत्तों को वास्तविक परिस्थितियों का सामना करा कर उनकी प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया जाता है ।

प्रत्येक कुत्ते का एक समर्पित हैंडलर होता है, जो उसकी देखभाल, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभालता है। कुत्तों के लिए विशेष आहार, नियमित चिकित्सा जांच और आरामदायक आवास की व्यवस्था की जाती है।

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हालिया चुनौतियाँ और समाधान

हाल के वर्षों में दिल्ली में बम धमकियों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे डॉग स्क्वॉड पर दबाव बढ़ा है। वर्तमान में, यह यूनिट अपनी स्वीकृत क्षमता के केवल 60% पर कार्यरत है, जिससे कुछ जिलों में कुत्तों की उपलब्धता सीमित हो गई है ।

इस चुनौती का समाधान करने के लिए, दिल्ली पुलिस ने नए कुत्तों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस स्टेशनों में भी डॉग स्क्वॉड की तैनाती की योजना बनाई जा रही है ताकि आपात स्थितियों में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके ।

CRIME EPISODE

दिल्ली पुलिस की निगाहबान ताकत

दिल्ली पुलिस का डॉग स्क्वॉड सुरक्षा व्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा है। इन मौन प्रहरियों की सतर्कता और समर्पण से न केवल अपराधों की रोकथाम होती है, बल्कि नागरिकों में सुरक्षा की भावना भी मजबूत होती है। भविष्य में, इनकी संख्या और प्रशिक्षण में और वृद्धि करके दिल्ली को और अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है।

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