32 साल पुरानी दुश्मनी का बदला: लखनऊ में पूर्व रेलवे कर्मचारी ने सीबीआई एएसआई पर धनुष-बाण से किया हमला

32 साल पुरानी दुश्मनी: लखनऊ, 23 मई 2025 – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के कार्यालय के बाहर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई।

32 साल पुरानी दुश्मनी का बदला: लखनऊ में पूर्व रेलवे कर्मचारी ने सीबीआई एएसआई पर धनुष-बाण से किया हमला
32 साल पुरानी दुश्मनी का बदला: लखनऊ में पूर्व रेलवे कर्मचारी ने सीबीआई एएसआई पर धनुष-बाण से किया हमला

65 वर्षीय पूर्व रेलवे कर्मचारी दिनेश मुर्मू ने सीबीआई के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) वीरेंद्र सिंह पर धनुष-बाण से हमला कर दिया। इस हमले में एएसआई सिंह के सीने में तीर धंस गया, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सीबीआई अधिकारियों से बदला लेने की योजना

32 साल पुरानी दुश्मनी: दिनेश मुर्मू, बिहार के मुंगेर जिले के निवासी और पूर्व रेलवे गैंगमैन, ने 1993 में रेलवे में भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई द्वारा की गई जांच के बाद अपनी नौकरी खो दी थी। मुर्मू का दावा है कि उन्होंने एक सहकर्मी को रिश्वत लेते हुए पकड़वाने में सीबीआई की मदद की थी, लेकिन बाद में उन्हें ही आरोपी बना दिया गया और नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इस घटना के बाद से वह सीबीआई अधिकारियों से बदला लेने की योजना बना रहे थे।

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पूरा मामला सीसीटीवी में कैद

23 मई की सुबह लगभग 11:15 बजे, मुर्मू हजरतगंज स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंचे। जब एएसआई वीरेंद्र सिंह ने उन्हें अंदर जाने से रोका और पहचान पूछी, तो मुर्मू ने पहले मना किया और फिर अचानक धनुष से तीर चलाया, जो एएसआई के सीने में जा धंसा। इसके बाद मुर्मू ने दो और तीर चलाए, जो चूक गए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसमें मुर्मू को एएसआई का पीछा करते और हमला करते देखा जा सकता है।

तीर लगभग 5 सेंटीमीटर गहरा घुसा

एएसआई वीरेंद्र सिंह को तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है। डॉक्टरों के अनुसार, तीर लगभग 5 सेंटीमीटर गहरा घुसा था और यदि यह थोड़ी सी भी अलग दिशा में लगता, तो जानलेवा हो सकता था।

घटना के तुरंत बाद, मुर्मू को मौके पर ही पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास) और 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला) के तहत मामला दर्ज किया गया है। वर्तमान में वह 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं।

धनुष और लोहे की नोक वाला तीर बनाया

पुलिस के अनुसार, मुर्मू पिछले दो महीनों से लखनऊ में रह रहे थे और सीबीआई कार्यालय की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने खुद ही लकड़ी का धनुष और लोहे की नोक वाला तीर बनाया था। पूछताछ में मुर्मू ने बताया कि वह खुद को “पौराणिक न्याय का दूत” मानते हैं और अपने इस कृत्य की तुलना भगवान राम के कार्यों से करते हैं।

पुलिस अब मुर्मू के 1993 के दावों की सत्यता की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उन्हें वास्तव में गलत तरीके से फंसाया गया था। इसके अलावा, उनकी मानसिक स्थिति का भी मूल्यांकन किया जा रहा है।

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पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए चेतावनी

यह घटना दर्शाती है कि कैसे दशकों पुरानी घटनाएं भी किसी व्यक्ति के मन में गहरी छाप छोड़ सकती हैं और यदि समय रहते न्याय न मिले, तो वह व्यक्ति चरम कदम उठा सकता है। पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए यह एक चेतावनी है कि वे ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और निष्पक्षता बरतें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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