88 अवैध बांग्लादेशी: नई दिल्ली, साउथ वेस्ट जिला पुलिस की विशेष अभियान के तहत 88 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत अवैध प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है।

अब तक इस अभियान में कुल 142 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया है।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
10 दिनों तक लगातार चला ये अभियान
साउथ वेस्ट जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 10 दिनों तक चले इस व्यापक अभियान में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की पहचान और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया चलाई गई। इस कार्रवाई में साउथ वेस्ट जिले के प्रमुख थाने जैसे सरोजिनी नगर, किशनगढ़, एसजे एनक्लेव, वसंत कुंज साउथ, कपासहेड़ा, सागरपुर, दिल्ली कैंट, पालम विलेज, वसंत कुंज नॉर्थ और AATS की टीमों ने अहम भूमिका निभाई।
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पुलिस टीमों ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की और उनके दस्तावेजों की जांच की। जिनके पास वैध भारतीय पहचान पत्र नहीं थे और जिन्होंने स्वयं को बांग्लादेशी नागरिक बताया, उन्हें हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान इन लोगों के पास से बांग्लादेश के राष्ट्रीय पहचान पत्र की फोटोकॉपी भी बरामद हुई।
केसे दिया इस अभियान को अंजाम
- हिरासत में लिए गए लोग: 88
- अब तक कुल पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक: 142 (26 दिसंबर 2024 से अब तक)
- बरामद दस्तावेज: बांग्लादेश के राष्ट्रीय पहचान पत्र
- नागरिकता स्थिति: सभी व्यक्तियों ने गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करना स्वीकार किया
- आगामी कदम: सभी के विरुद्ध आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी कर FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के सहयोग से निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है
थाना वार गिरफ्तारी
थाना / इकाई | गिरफ्तार लोग |
सरोजिनी नगर | 06 |
किशनगढ़ | 04 |
एसजे एनक्लेव | 07 |
वसंत कुंज साउथ | 10 |
कपासहेड़ा | 11 |
सागरपुर | 07 |
AATS | 04 |
दिल्ली कैंट | 07 |
पालम विलेज | 11 |
वसंत कुंज नॉर्थ | 21 |

पुलिस उपायुक्त (सुरेंद्र चौधरी, IPS)
इस अभियान की योजना साउथ वेस्ट जिले के पुलिस उपायुक्त ( सुरेंद्र चौधरी, IPS) के नेतृत्व में बनाई गई। पुलिस टीमों को खास निर्देश दिए गए थे कि वे संवेदनशील इलाकों में विशेष रूप से निगरानी रखें और गुप्तचरों की मदद से संदिग्ध प्रवासियों की पहचान करें। पुलिस ने न केवल त्वरित कार्रवाई की बल्कि सभी वैधानिक औपचारिकताओं को भी समय पर पूरा किया, जिससे निर्वासन की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
इस पूरी प्रक्रिया में कानून के दायरे में रहकर मानवाधिकारों का भी ध्यान रखा गया। सभी को कानूनी तौर पर हिरासत में लिया गया, पूछताछ की गई और फिर FRRO के सहयोग से निर्वासन की कार्रवाई शुरू की गई।

ज़ीरो टॉलरेंस नीति का परिचायक
यह विशेष अभियान साउथ वेस्ट जिला पुलिस के उस ज़ीरो टॉलरेंस नीति का परिचायक है, जो अवैध प्रवासियों और उनकी गतिविधियों को लेकर अपनाई गई है। इस कार्रवाई से न केवल अवैध आव्रजन पर रोक लगेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों में सुरक्षा की भावना भी मजबूत होगी।

पुलिस का बयान
डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया, “हमारी प्राथमिकता दिल्ली में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है। यह अभियान इसी दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है। हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसे अभियान समय-समय पर चलाए जाएं और समाज को सुरक्षित बनाया जाए।”
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अवैध प्रवासियों पर सख्ती से निपटने की मंशा
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई अवैध प्रवासियों पर सख्ती से निपटने की मंशा को दर्शाती है। अभियान की सफलता से यह साबित होता है कि जब प्रशासन और कानून-व्यवस्था मिलकर काम करते हैं, तो सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। पुलिस की सक्रियता और तत्परता इस मामले में सराहनीय है और यह कार्रवाई अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।