Crime Branch की सूझबूझ से फूटा नशे का ट्रक, 1.75 करोड़ की ड्रग्स जब्त की

( Crime Episode )

दिल्ली पुलिस की Crime Branch ने एक बड़े ड्रग्स तस्करी के मामले का पर्दाफाश किया है।

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पुलिस ने एक ट्रक से 348 किलो से ज्यादा गांजा बरामद किया है, जिसे तरबूजों के नीचे छिपाकर लाया जा रहा था। इस गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1.75 करोड़ रुपये बताई गई है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है – 31 वर्षीय इंतजार मलिक और 32 वर्षीय रिजवान। दोनों आरोपी पहले से ही नशा तस्करी से जुड़े मामलों में वॉन्टेड थे।

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Crime Episode With Tipu Sultan

ANTF को मिला गांजा तस्करी का गुप्त इनपुट

दिल्ली पुलिस की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक, जिसमें यूपी नंबर की प्लेट लगी है, भारी मात्रा में गांजा लेकर दिल्ली की तरफ आ रहा है। सूचना के आधार पर Crime Branch पुलिस टीम एक्टिव हो गई।

एएसआई योगेंद्र को यह अलर्ट मिला और फिर इंस्पेक्टर विकास पुन्नू, हेड कांस्टेबल अमित, महिपाल और रोहिताश ने ट्रक की निगरानी शुरू की। हैदराबाद से आ रहे इस संदिग्ध ट्रक की पहचान दिल्ली के टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों से कर ली गई।

सोनिया विहार में रोका गया ट्रक

21 मई को तड़के करीब 2 बजे, पुलिस ने दिल्ली के सोनिया विहार पुश्ता इलाके में ट्रक को रोक लिया। ट्रक में ऊपर से तरबूज लदे हुए थे। शुरुआत में यह एक सामान्य फल ले जाने वाला ट्रक लग रहा था, लेकिन जब पुलिस ने तरबूजों को हटाया, तो सभी के होश उड़ गए।

तरबूज के नीचे छिपे थे 17 बैग

जैसे ही पुलिस ने तरबूज हटाए, नीचे से 17 प्लास्टिक के बैग निकले। जब इन बैगों की जांच की गई तो इनमें 348.176 किलोग्राम गांजा मिला। ये गांजा खासतौर पर आंध्र प्रदेश से लाया गया था और इसका वितरण उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में किया जाना था।

गांजा तस्करी का मास्टरमाइंड निकला इंतजार मलिक

पुलिस जांच में सामने आया कि इस पूरे ऑपरेशन का मास्टरमाइंड इंतजार मलिक है, जो कि गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला है। वह पिछले 4-5 सालों से इस तस्करी के धंधे में लिप्त है।

उसके साथ पकड़ा गया दूसरा आरोपी रिजवान, ट्रक चलाने का काम करता है। वह भी पिछले कुछ सालों से इस काम में शामिल था और एनडीपीएस एक्ट के तहत एक पुराने केस में वॉन्टेड भी था। यानी, पुलिस पहले से ही उसकी तलाश कर रही थी।

आंध्र से दिल्ली तक फैले रैकेट की तलाश जारी

दोनों आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। क्राइम ब्रांच ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है।

फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस गांजे की सप्लाई चेन में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि आंध्र प्रदेश से यह नशा दिल्ली और आसपास के राज्यों में किन नेटवर्क्स के जरिए पहुंचाया जाता था।

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पुलिस की सतर्कता से बड़ी तस्करी टली

इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और नशा तस्करी के खिलाफ सहयोग करने की अपील की है। डीसीपी (क्राइम) अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि यह सफलता पुलिस की टीमवर्क और लगातार निगरानी का नतीजा है। यदि समय रहते यह ट्रक न पकड़ा जाता, तो दिल्ली-एनसीआर में यह भारी मात्रा में नशा युवाओं तक पहुंच सकता था।

यह घटना एक बार फिर बताती है कि नशा तस्करी के तरीके बेहद चालाकी से बदले जा रहे हैं, लेकिन पुलिस की निगरानी और तत्परता से ऐसे मामलों का पर्दाफाश संभव है।

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