नई दिल्ली:( Crime Episode )
दिल्ली पुलिस की CRIME BRANCH की CYBER CELL ने एक बड़े ऑपरेशन में पैन-इंडिया साइबर क्राइम सिंडिकेट को ध्वस्त कर दिया है।

इस रैकेट में साइबर फ्रॉड, बैंकिंग फ्रॉड और सेक्सटॉर्शन जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियां शामिल थीं। ऑपरेशन में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 9 अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई में 28 मोबाइल फोन, 30 सिम कार्ड, 2 लैपटॉप, 8 चेकबुक, 15 डेबिट कार्ड, कई ब्लैकमेलिंग वीडियो और तस्वीरें बरामद की गईं। जांच में 5 करोड़ रुपये से अधिक की मनी ट्रेल का भी खुलासा हुआ है।
Crime Episode With Tipu Sultan
ऑपरेशन की शुरुआत: खुफिया जानकारी से मिली सफलता
CRIME BRANCH: 24 मई 2025 को दिल्ली पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि न्यू अशोक नगर इलाके में संदिग्ध फर्जी बैंक अकाउंट किट की एक खेप पहुंचने वाली है। ये किट साइबर फ्रॉड, सेक्सटॉर्शन, बैंकिंग स्कैम और डेबिट/क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग जैसे हाई-टेक अपराधों में इस्तेमाल हो रही थीं। खुफिया जानकारी के अनुसार, यह खेप मयूर विहार फेज-1 एक्सटेंशन के पास डिलीवर होने वाली थी।
सूचना की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर मंजीत कुमार की अगुवाई में एक टीम गठित की गई। इस टीम में एसआई परवेश राठी, एसआई जगसीर सिंह, एएसआई कंवर पाल, एएसआई महेश, एचसी विपिन कुमार, एचसी अनुज कुमार, एचसी राजेश कुमार, एचसी विनोद, एचसी मनीष दबास, एचसी पंकज, एचसी मोहित, एचसी गौरव, कॉन्स्टेबल बिजेंद्र, कॉन्स्टेबल सुरेश पाल, कॉन्स्टेबल रवि कुमार, कॉन्स्टेबल सचिन और डब्ल्यूसीटी नीशा शामिल थे। इस ऑपरेशन में तीन मुख्य आरोपियों—उज्जवल पांडे (30), गौरव बरुआ (24) और युग शर्मा (19)—को गिरफ्तार किया गया।
बरामद सामान और रैकेट का तरीका
गिरफ्तार आरोपियों के पास से फर्जी बैंक अकाउंट किट, प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड, जाली बैंक दस्तावेज, डमी या फर्जी अकाउंट से जुड़े डेबिट/क्रेडिट कार्ड और रीयल-टाइम ट्रांजेक्शन कंट्रोल के लिए मोबाइल डिवाइस बरामद किए गए। ये सामान एक “सिंथेटिक फाइनेंशियल आइडेंटिटी” का हिस्सा थे, जो साइबर अपराधियों को गैर-ट्रेस करने योग्य शैडो बैंकिंग सिस्टम बनाने में मदद करते थे। इन किट्स की मदद से अपराधी बेसिक KYC और ट्रांजेक्शन वेरिफिकेशन को बायपास कर आसानी से फ्रॉड कर रहे थे।
फर्जी लोन कॉल सेंटर का भंडाफोड़
आरोपियों से पूछताछ के आधार पर, दिल्ली के मुंडका इलाके में एक अवैध कॉल सेंटर का पता चला, जहां फर्जी बैंक लोन स्कीम के जरिए लोगों को ठगा जा रहा था। इस कॉल सेंटर का संचालक दिलशाद अली (33) था, जो अपने साथी अमित (फरार) के साथ मिलकर यह रैकेट चला रहा था। दिलशाद ने कई टेलीकॉलर्स को नियुक्त किया था, जो लोगों को आकर्षक लोन ऑफर देकर उनके निजी दस्तावेज व्हाट्सएप के जरिए मांगते थे। इसके बाद, फाइल प्रोसेसिंग फी के नाम पर QR कोड के जरिए पेमेंट करवाया जाता था। पेमेंट मिलने के बाद, आरोपी संपर्क तोड़ देते थे और अपने नंबर बदल लेते थे।
सेक्सटॉर्शन रैकेट का खुलासा
जांच के दौरान न्यू अशोक नगर में एक और रेड की गई, जिसमें चार और आरोपियों को पकड़ा गया। इस रेड से एक संगठित सेक्सटॉर्शन रैकेट का पर्दाफाश हुआ। इस रैकेट में जाहिद, रहीश, सोहिल और जयश्री शामिल थे। ये लोग पहले फेसबुक पर दोस्ती करते थे, फिर व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के दौरान अश्लील क्लिप चलाकर पीड़ित की Screen Record कर लेते थे। इसके बाद, video को social media पर वायरल करने की धमकी देकर पीड़ितों से पैसे वसूले जाते थे।
आरोपियों का प्रोफाइल
उज्जवल पांडे (30): दिल्ली के कृष्णा नगर का रहने वाला। कोलकाता से पढ़ाई पूरी करने के बाद 2021 में दिल्ली आया और साइबर कैफे शुरू किया। साइबर फ्रॉड में शामिल लोगों के संपर्क में आकर फर्जी अकाउंट किट और सिम कार्ड बेचने लगा।
गौरव बरुआ (24): त्रिलोकपुरी, दिल्ली का निवासी। IGNOU से ग्रेजुएट। इंश्योरेंस कंपनी में काम करने के दौरान अवैध गतिविधियों में शामिल हुआ।
युग शर्मा (19): मयूर विहार, दिल्ली का रहने वाला। गौरव का दोस्त, फर्जी सिम कार्ड और अकाउंट किट की सप्लाई में मदद करता था।
दिलशाद अली (33): सरस्वती विहार, दिल्ली का निवासी। पहले एक कॉल सेंटर में काम करता था। अमित के साथ मिलकर फर्जी लोन स्कीम चलाता था।
जाहिद (20): राजस्थान के डीग जिले का रहने वाला। दिल्ली में पढ़ाई के लिए आया और सेक्सटॉर्शन गैंग में शामिल हो गया।
जयश्री (24): राजस्थान की रहने वाली। बेरोजगारी के कारण सेक्सटॉर्शन रैकेट में शामिल हुई।
5 करोड़ रुपये की मनी ट्रेल का खुलासा
जांच में 5 करोड़ रुपये से अधिक की मनी ट्रेल का पता चला। इस रैकेट का नेटवर्क दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। बरामद सामान में कई बैंक अकाउंट क्रेडेंशियल्स शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल अवैध ट्रांजेक्शन्स के लिए किया गया। इसके अलावा, ब्लैकमेलिंग के लिए इस्तेमाल किए गए वीडियो और तस्वीरें भी बरामद हुईं।

साइबर अपराध के खिलाफ दिल्ली पुलिस का सख्त ऑपरेशन
डीसीपी क्राइम ब्रांच, आदित्य गौतम ने बताया कि इस रैकेट का दायरा बहुत बड़ा है, और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस अब अमित सहित अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। यह OPERATION CYBER अपराध के खिलाफ दिल्ली पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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