अयोध्या तीर्थ यात्रा: भारत में तीर्थ स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
अयोध्या, जहां भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है, लाखों श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र बन गया है। यहां रुकने और ठहरने के लिए भक्त अक्सर ऑनलाइन होटल बुकिंग का सहारा लेते हैं। लेकिन, इंटरनेट पर सुविधाजनक बुकिंग के साथ ही साइबर ठगी का खतरा भी बढ़ गया है। हाल ही में दिल्ली के केशवपुरम के एक परिवार को अयोध्या में ऑनलाइन होटल बुकिंग के दौरान 10,500 रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा। इस घटना ने श्रद्धालुओं और यात्रियों के लिए ऑनलाइन बुकिंग करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता को और भी अधिक प्रासंगिक बना दिया है।
क्राइम एपिसोड
अयोध्या तीर्थ यात्रा: कैसे हुआ साइबर फ्रॉड?
अयोध्या तीर्थ यात्रा: केशवपुरम में रहने वाली 45 वर्षीय महिला ने अयोध्या के प्रसिद्ध बिड़ला ट्रस्ट धर्मशाला में ठहरने के लिए ऑनलाइन रूम बुक किया। उन्होंने एक वेबसाइट https://birladharamshaalayodhya.com/ पर जाकर बुकिंग की प्रक्रिया शुरू की। इस वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क करने पर एक व्यक्ति ने खुद को होटल का मैनेजर बताते हुए बुकिंग की पुष्टि करने की बात कही।
महिला ने उस व्यक्ति के कहे अनुसार तीन किश्तों में कुल 10,500 रुपये ट्रांसफर किए। हालांकि, जब उन्होंने होटल से संपर्क कर अपनी बुकिंग की स्थिति जाननी चाही, तो उन्हें पता चला कि होटल को न तो कोई भुगतान प्राप्त हुआ है और न ही उनके नाम से कोई बुकिंग दर्ज की गई है।
यह जानने के बाद, महिला को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को नॉर्थ वेस्ट साइबर थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है, जो अब मामले की जांच कर रही है।
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अयोध्या तीर्थ यात्रा: अयोध्या तीर्थ में ऑनलाइन बुकिंग के बढ़ते फ्रॉड के कारण
अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण के बाद यहां श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस तीर्थ यात्रा के लिए होटल, धर्मशाला और गेस्टहाउस की मांग में भी तेजी से इजाफा हुआ है।
साइबर ठगों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए नकली वेबसाइटें और फर्जी संपर्क नंबर बना लिए हैं। इन फर्जी प्लेटफॉर्म्स का उद्देश्य यात्रियों को सस्ते दामों और स्पेशल ऑफर्स का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी करना है।
- फर्जी वेबसाइट्स:
कई ठग नकली वेबसाइट बनाते हैं, जो असली होटल और धर्मशाला की आधिकारिक वेबसाइट से मिलती-जुलती होती हैं। ये वेबसाइटें असली जैसी दिखती हैं और उन पर फर्जी संपर्क नंबर और बैंक डिटेल्स दी जाती हैं। - सोशल मीडिया ऑफर्स:
फेसबुक, इंस्टाग्राम, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सस्ते दामों पर बुकिंग के विज्ञापन दिए जाते हैं। लेकिन ये ऑफर्स केवल श्रद्धालुओं को फंसाने का माध्यम होते हैं। - फोन पर ठगी:
ठग फर्जी मैनेजर बनकर बुकिंग की प्रक्रिया को पूरा करने के नाम पर कॉल करते हैं। ये फोन कॉल्स आमतौर पर किसी नकली नंबर से आते हैं और पीड़ित को भरोसा दिलाने के लिए ठग खुद को भरोसेमंद होटल या धर्मशाला का प्रतिनिधि बताते हैं। - बैंक ट्रांसफर:
ठग ऑनलाइन भुगतान को सीधे अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करवाते हैं। ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के जरिए अतिरिक्त जानकारी भी चुराई जा सकती है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
दिल्ली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, साइबर क्राइम विंग ने जनता को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने का सुझाव दिया है।
पुलिस ने निम्नलिखित सलाह दी है:
- वेबसाइट की वैधता जांचें: किसी भी वेबसाइट पर बुकिंग करने से पहले उसकी विश्वसनीयता और वैधता की पुष्टि करें।
- लोकप्रिय प्लेटफॉर्म का उपयोग करें: केवल विश्वसनीय और नामचीन ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।
- समीक्षाओं पर ध्यान दें: वेबसाइट, होटल और उनके संपर्क नंबरों की रिव्यू और रेटिंग जरूर पढ़ें।
यात्रियों के लिए जरूरी सावधानियां
साइबर ठगी से बचने के लिए यात्रियों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- विश्वसनीय वेबसाइट्स का चयन करें:
ऑनलाइन होटल बुकिंग के लिए केवल नामी और प्रमाणित प्लेटफॉर्म्स (जैसे MakeMyTrip, Goibibo, या Yatra) का इस्तेमाल करें। - सोशल मीडिया ऑफर्स से बचें:
सोशल मीडिया पर दिखने वाले स्पेशल ऑफर्स और सस्ते डील्स पर तुरंत भरोसा न करें। - भुगतान प्रक्रिया में सतर्कता बरतें:
केवल सुरक्षित और प्रमाणित भुगतान गेटवे का ही उपयोग करें। किसी अनजान खाते में पैसे ट्रांसफर न करें। - ओटीपी साझा न करें:
ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी से भी साझा न करें। यह आपकी बैंकिंग जानकारी को सुरक्षित रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है। - समीक्षाएं पढ़ें:
होटल और वेबसाइट की समीक्षाएं पढ़कर उनके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
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साइबर क्राइम होने पर क्या करें?
यदि आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत निम्नलिखित कदम उठाएं:
- साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें:
आप cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। - हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें:
यह नंबर साइबर क्राइम की शिकायतों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध है। - नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें:
ठगी की रिपोर्ट अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराएं।
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भारत में साइबर सुरक्षा की जरूरत
अयोध्या जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि भारत में साइबर सुरक्षा की बढ़ती जरूरत है। जब अधिक लोग ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाया जाए।
सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां लोगों को जागरूक करने और धोखाधड़ी रोकने के लिए विशेष अभियान चला रही हैं। लेकिन, जनता की सतर्कता भी इस लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ऑनलाइन ठगी पर रोकथाम कैसे करें
अयोध्या तीर्थ यात्रा के दौरान केशवपुरम परिवार के साथ हुई ठगी एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। यह घटना न केवल साइबर सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करती है, बल्कि यात्रियों को सतर्क रहने का संदेश भी देती है।
डिजिटल युग में ऑनलाइन बुकिंग का प्रचलन बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही साइबर ठगी का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसे में सतर्कता और सही जानकारी के साथ ही हम इस खतरे से बच सकते हैं। याद रखें, एक छोटी सी चूक आपके लिए भारी नुकसान का कारण बन सकती है।