( Crime Episode )
ICICI BANK FRAUD: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 8 साल से फरार चल रहे आरोपी अंगद पाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।

अंगद ने ICICI बैंक के साथ करीब 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी और इसके बाद अमेरिका भाग गया था। पुलिस की लगातार कोशिशों के बाद उसे डिपोर्ट कराकर भारत लाया गया और अब उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
Crime Episode With Tipu Sultan
धोखाधड़ी का खुलासा: बैंक और सरकारी योजनाएं बनीं निशाना
ICICI BANK FRAUD केस की शुरुआत 2017 में हुई, जब ICICI बैंक लिमिटेड ने एक धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। बैंक ने बताया कि कुछ लोगों ने मिलकर बैंक से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पैसा निकाला और सरकारी फायदे उठाए।
क्या था धोखाधड़ी का तरीका?
डीसीपी विक्रम पोरवाल ने बताया कि जांच में सामने आया कि 17 अलग-अलग फर्मों के 18 खाताधारकों ने 467 फर्जी FIRC (Foreign Inward Remittance Certificate) बैंक में जमा किए। इसके आधार पर उन्होंने BRC (Bank Realisation Certificate) हासिल किया।
इन बीआरसी का इस्तेमाल कर इन लोगों ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से एक्सपोर्ट इंसेंटिव हासिल किए। ये इंसेंटिव ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप (Duty Credit Scrip – DCS) के रूप में मिलते हैं, जिन्हें बाजार में बेचकर इन लोगों ने करीब 30 करोड़ रुपये कमाए।
किन कंपनियों का इस्तेमाल हुआ?
जांच में पता चला कि आरोपी अंगद पाल सिंह ने अपने पिता सुरिंदर सिंह और भाई हरसाहिब सिंह के साथ मिलकर 5 फर्जी कंपनियों के जरिए यह पूरा घोटाला किया। ये कंपनियां थीं:
- कुमार ट्रेडिंग कंपनी
- नैशनल ट्रेडर
- ट्राइडेंट ओवरसीज इंडिया
- एचएससी एक्सिम इंडिया
- एएचसी ऑटो स्पेयर्स
इन कंपनियों ने फर्जी FIRC बनवाकर बैंक से BRC लिया और DGFT से सरकारी स्कीम के तहत लाभ उठाया। बाद में इन स्क्रिप्स को बेचकर करोड़ों की कमाई की।
अब मास्टरमाइंड अंगद भी पुलिस के शिकंजे में
अंगद पाल सिंह इस धोखाधड़ी के बाद अमेरिका भाग गया था। वहां उसे एक अन्य केस में CBI ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद उसे भारत डिपोर्ट किया गया। 2 जून को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
अंगद 2017 में दर्ज एक और केस में भी आरोपी है, जो EOW के पास लंबित है। पुलिस ने इससे पहले इस केस में तीन अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। अब अंगद को जेल भेज दिया गया है और जांच जारी है।

पांच फर्जी कंपनियों के जरिये बड़ा खेल, पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा
यह मामला दिखाता है कि कैसे कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों और कंपनियों का सहारा लेकर बैंक और सरकार दोनों को धोखा देते हैं। लेकिन पुलिस और जांच एजेंसियों की सतर्कता के कारण आखिरकार आरोपी को पकड़ लिया गया। अब उम्मीद है कि पीड़ित बैंक को न्याय मिलेगा और ऐसे मामलों में भविष्य में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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