IT अफसर से 10 हजार की ठगी: नई दिल्ली- धार्मिक नगरी अयोध्या इन दिनों श्रद्धालुओं और पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बनी हुई है।

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण और उसके उद्घाटन के बाद से यहां दर्शन करने वालों की भीड़ तेजी से बढ़ी है। ऐसे में धर्मशालाओं, होटलों और वीआईपी दर्शन की डिमांड भी बढ़ गई है। इसी जरूरत का फायदा उठाकर अब साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं। ताजा मामला एक आईटी कंपनी में काम करने वाले सीनियर अधिकारी से जुड़ा है, जो अयोध्या में धर्मशाला बुक करने के चक्कर में ठगी के शिकार हो गए।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
IT अफसर से 10 हजार की ठगी: वीआईपी दर्शन और ठहरने का सपना बना साइबर जाल
नोएडा एक्सटेंशन में रहने वाले कुमार निशांत ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ धार्मिक यात्रा का प्लान बनाया। 15 लोगों के साथ अयोध्या, चित्रकूट और प्रयागराज जाने का कार्यक्रम तय हुआ। स्वाभाविक रूप से इतने लोगों के लिए ठहरने का इंतजाम पहले करना जरूरी था। इसी मकसद से वह गूगल पर धर्मशाला की जानकारी तलाशने लगे।
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गूगल सर्च बना परेशानी की जड़
गूगल पर “बिड़ला धर्मशाला अयोध्या” सर्च करने पर उन्हें कई वेबसाइट्स और लिंक्स नजर आए। टॉप पर दिख रहे एक लिंक को उन्होंने क्लिक किया। वेबसाइट पर “बुक नॉउ” का विकल्प दिखाई दिया जिसे उन्होंने बिना ज्यादा सोच-समझे क्लिक कर दिया। इसके तुरंत बाद उन्हें व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला जिसमें बिड़ला धर्मशाला के एसी और नॉन एसी रूम की फोटो और रेंट की जानकारी दी गई थी।
धोखे का ट्रैप: पहले पेमेंट करो, फिर फिर से करो
धर्मशाला के नाम पर ठगों ने निशांत को बताया कि 7050 रुपये हॉल का किराया है और साथ ही मंदिर में वीआईपी दर्शन के लिए 300 रुपये प्रति व्यक्ति का चार्ज लगेगा। निशांत ने कुल 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन यहीं से ठगी का असली खेल शुरू हुआ।
कुछ देर बाद उस फर्जी एजेंट ने दोबारा कॉल करके कहा कि 50 रुपये कम भेजे गए हैं, जिससे सिस्टम में एंट्री नहीं हो पा रही है। उसने दोबारा पूरी रकम भेजने को कहा और पहले की पेमेंट रिफंड करने का वादा किया। निशांत को शक हुआ और उन्होंने पैसे लौटाने की मांग की, साथ ही पुलिस में शिकायत की बात भी कही। जवाब में आरोपी ने ठोक कर कहा, “पुलिस भी मेरा कुछ नहीं कर सकती” और कॉल काट दिया।
जब समझ आई ठगी की सच्चाई
ठगी का अहसास होते ही निशांत ने उस वेबसाइट के रिव्यू सेक्शन में जाकर देखा तो सच्चाई सामने आई। कई यूजर्स पहले ही उस वेबसाइट को फ्रॉड घोषित कर चुके थे और उन्होंने भी ऐसे ही अनुभव साझा किए थे। उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
कैसे करते हैं साइबर ठग काम?
साइबर अपराधी आमतौर पर इन तरीकों से लोगों को जाल में फंसाते हैं:
- फर्जी वेबसाइट बनाना जो असली होटल या धर्मशाला की कॉपी होती है।
- गूगल एड्स या एसईओ के जरिए अपनी वेबसाइट को टॉप रिजल्ट में लाना।
- सोशल मीडिया या यूट्यूब के जरिए अपने जाल को प्रमोट करना।
- व्हाट्सएप या टेलीग्राम के माध्यम से सीधा संवाद करके विश्वास जमाना।
- फर्जी अकाउंट नंबर या QR कोड के जरिए पैसे मंगाना।
- ठगी के बाद पीड़ित को ब्लॉक करना और संपर्क खत्म कर देना।
आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- विश्वसनीय वेबसाइट ही चुनें: Booking.com, MakeMyTrip, Agoda जैसे प्रतिष्ठित प्लैटफॉर्म का उपयोग करें।
- रिव्यू और रेटिंग जरूर पढ़ें: किसी भी होटल या धर्मशाला की बुकिंग से पहले उस पर लोगों के रिव्यू जरूर देखें।
- सोशल मीडिया ऑफर से सावधान: फेसबुक, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर दिखने वाले आकर्षक ऑफर असल में धोखा हो सकते हैं।
- व्हाट्सएप बुकिंग से बचें: किसी अज्ञात नंबर से मिली जानकारी पर भरोसा न करें।
- ऑनलाइन पेमेंट से पहले दो बार जांचें: बैंक डिटेल्स, वेबसाइट का यूआरएल और पेमेंट पेज को अच्छी तरह वेरिफाई करें।
- ओटीपी शेयर न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट को ओटीपी या पर्सनल जानकारी न दें।
- फ्रॉड हो तो 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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साइबर पुलिस की भूमिका और जांच
इस मामले की शिकायत जैसे ही साइबर सेल में की गई, पुलिस ने जांच शुरू कर दी। साइबर टीम इस बात की तफ्तीश कर रही है कि यह फर्जी वेबसाइट किस सर्वर पर बनी है, इसका मोबाइल नंबर किसके नाम पर है, और भुगतान किन अकाउंट्स में हुआ। यह ठगी एक गिरोह का हिस्सा हो सकती है जो तीर्थ स्थलों की आड़ में भोले-भाले लोगों को ठग रहा है।
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट्स?
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस तरह के ठगी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि लोग अक्सर जल्दबाजी में बिना जानकारी की पुष्टि किए बुकिंग कर लेते हैं। ऐसे मामलों में सबसे जरूरी है डिजिटल साक्षरता और सतर्कता।

श्रद्धा में सावधानी जरूरी है
धार्मिक स्थानों की यात्रा, श्रद्धा और आस्था से जुड़ी होती है, लेकिन डिजिटल युग में थोड़ी सी लापरवाही बड़ा नुकसान करा सकती है। ऑनलाइन बुकिंग करते समय हमेशा अलर्ट रहें, वेबसाइट की जांच करें और किसी भी संदिग्ध व्यवहार पर तुरंत कार्रवाई करें।