उत्तम नगर हत्याकांड: नई दिल्ली- दिल्ली के उत्तम नगर में दिवाली की रात हुए सनसनीखेज हत्याकांड के मुख्य आरोपी अंशु गुप्ता को 52 दिन बाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया।
31 अक्टूबर की देर रात, गगन ओबेरॉय नाम के व्यक्ति पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार, अंशु गुप्ता इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड था और वारदात के बाद से फरार चल रहा था।
क्राइम एपिसोड
उत्तम नगर हत्याकांड: दिवाली की रात हुई थी हत्या
उत्तम नगर हत्याकांड: 31 अक्टूबर की रात, जब पूरा देश दिवाली के जश्न में डूबा हुआ था, उत्तम नगर के हस्तसाल रोड पर यह घटना घटी। गगन ओबेरॉय अपने दोस्तों के साथ दिवाली मना रहे थे। इसी दौरान, अंशु गुप्ता अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा। किसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच बहस हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गई। रात करीब 1:30 बजे अंशु गुप्ता और उसके साथियों ने गगन पर शार्प चाकू से जानलेवा हमला कर दिया।
घटना के बाद, गगन को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
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उत्तम नगर हत्याकांड: लोकल पुलिस ने एक आरोपी को किया था गिरफ्तार
हत्याकांड के तुरंत बाद, लोकल पुलिस ने प्रदीप उर्फ मोनू नाग नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। हालांकि, इस मामले का मास्टरमाइंड अंशु गुप्ता फरार हो गया। पुलिस के अनुसार, अंशु ने वारदात को अंजाम देने के बाद लगातार अपने ठिकाने बदलने शुरू कर दिए, जिससे उसकी गिरफ्तारी में बाधा आ रही थी।
उत्तम नगर हत्याकांड: पुलिस को कैसे मिली सफलता
डीसीपी क्राइम सतीश कुमार ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए। एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर गुलशन यादव, सब-इंस्पेक्टर रंधावा और अन्य अधिकारियों की टीम ने अंशु की गतिविधियों पर नजर बनाए रखी।
52 दिनों की फरारी के बाद, जब अंशु का पैसा खत्म हो गया, तो वह मजबूरी में द्वारका इलाके में लौट आया। पुलिस को सूचना मिली कि वह द्वारका के सेक्टर 14 स्थित हीरोज मॉल के पास मौजूद है। टीम ने वहां ट्रैप लगाकर अंशु को धर दबोचा।
पूछताछ में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने अंशु गुप्ता से पूछताछ की, जिसमें कई अहम जानकारियां सामने आईं। अंशु ने कबूल किया कि वह 2020 में बिंदापुर थाना इलाके में हत्या के प्रयास के एक अन्य मामले में भी शामिल था। इसके अलावा, वह आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में भी वांछित था। कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
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वारदात का मास्टरमाइंड था अंशु
पुलिस के अनुसार, अंशु गुप्ता एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश है, जो पहले से चार आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। उत्तम नगर हत्याकांड में भी उसने पूरी साजिश रची थी। घटना की रात, उसने अपने साथियों को बुलाकर गगन पर हमला किया और वारदात के बाद फरार हो गया।
अंशु गुप्ता की गिरफ्तारी में पुलिस टीम की शानदार कार्रवाई
अंशु गुप्ता को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर गुलशन यादव, सब-इंस्पेक्टर चेतन, सहायक सब-इंस्पेक्टर महेश त्यागी, हेड कांस्टेबल अरविंद और राधेश्याम शामिल थे। उनकी सतर्कता और योजनाबद्ध कार्रवाई से यह गिरफ्तारी संभव हो सकी।
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पुलिस का बयान
डीसीपी क्राइम सतीश कुमार ने बताया, “अंशु गुप्ता एक शातिर अपराधी है, जिसने दिवाली की रात गगन ओबेरॉय की हत्या की थी। वह लगातार पुलिस से बचने के लिए अपने ठिकाने बदल रहा था, लेकिन हमारी टीम की कड़ी मेहनत और सतर्कता के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया।”
पुलिस की अंशु गुप्ता से गहरी पूछताछ
पुलिस अब अंशु गुप्ता से गहराई से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह और किन-किन मामलों में शामिल रहा है और क्या इस हत्याकांड के पीछे कोई बड़ी साजिश थी।
क्राइम ब्रांच की सतर्कता ने 52 दिन बाद दबोचा आरोपी
उत्तम नगर में हुए इस हत्याकांड ने इलाके में दहशत फैला दी थी। अंशु गुप्ता की गिरफ्तारी से पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। हालांकि, यह मामला फिर से साबित करता है कि अपराधियों पर लगाम कसने के लिए सतर्कता और योजनाबद्ध कार्रवाई कितनी जरूरी है। अब पुलिस की जांच से यह तय होगा कि इस हत्याकांड में और कौन-कौन लोग शामिल थे और क्या इसके पीछे कोई अन्य मकसद था।