नई दिल्ली: ( Crime Episode )
दिल्ली के चांदनी चौक इलाके के KATRA NEEL LOOT में 2 जून 2025 को दिनदहाड़े हुई 35 लाख रुपये की सनसनीखेज डकैती का पुलिस ने महज 12 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है।

लहौरी गेट, कोतवाली और स्पेशल स्टाफ की संयुक्त टीमों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में रातभर छापेमारी कर चार आरोपियों—शेखर, निखिल, तुषार और साहिल—को गिरफ्तार किया। पुलिस ने लूट की लगभग पूरी राशि (33,90,000 रुपये), हथियार, मोटरसाइकिल और अपराध के दौरान पहने गए कपड़े भी बरामद कर लिए।
इस ऑपरेशन में चांदनी चौक, लाल किला और लहौरी गेट इलाके के करीब 100 सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी हुई।
Crime Episode With Tipu Sultan
“चांदनी चौक में दिनदहाड़े डकैती: 35 लाख लूटकर फरार हुए तीन बदमाश”
2 जून 2025 को दोपहर करीब 12 बजे शिकायतकर्ता विक्की जैन ने अपने कर्मचारियों ओम प्रकाश, विक्रम और बाद में विक्की के साथ कटरा नील, चांदनी चौक में अपना ऑफिस खोला। दोपहर 2 बजे के आसपास, सीसीटीवी स्क्रीन पर विक्की ने तीन अज्ञात युवकों को सीढ़ियों से अपने ऑफिस की ओर आते देखा। ओम प्रकाश और विक्की ने बाहर निकलकर शोर मचाया और विक्की ने ऑफिस का शीशे का गेट अंदर से बंद कर लिया। तभी एक युवक ने शीशे के गेट पर गोली चलाई, जिससे गेट टूट गया।
दो युवक अंदर घुसे—एक ने विक्की और विक्रम को पिस्तौल से धमकाया, जबकि दूसरे ने ऑफिस में अलमारी से 35 लाख रुपये नकद निकाले, उन्हें एक काले बैग में डाला और तीनों हथियार लहराते हुए गली से भाग गए। KATRA NEEL LOOT घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने लहौरी गेट थाने में FIR दर्ज की।
CCTV और सूझबूझ से दिल्ली पुलिस ने सुलझाई डकैती
KATRA NEEL LOOT घटना की गंभीरता को देखते हुए नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की कई टीमें गठित की गईं, जिनमें लहौरी गेट, कोतवाली, सराय रोहिल्ला, AATS, पीपी अंधा मुगल और पीपी गवर्नमेंट हॉस्पिटल बुरारी के अधिकारी शामिल थे। इन टीमों की अगुवाई इंस्पेक्टर योगेश्वर सिंह (SHO लहौरी गेट), इंस्पेक्टर विकास यादव (इंस्पेक्टर जांच-LG), इंस्पेक्टर रोहित सरस्वत (इंचार्ज स्पेशल स्टाफ), और ACP कोतवाली शंकर बनर्जी ने की।
पुलिस ने तुरंत KATRA NEEL LOOT घटनास्थल और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। फुटेज में संदिग्धों को बाग दीवार मस्जिद की ओर भागते देखा गया। जांच में पाया गया कि संदिग्ध पहले भी उसी रास्ते से आए थे। संदिग्धों के कपड़े और शारीरिक विशेषताओं की पहचान के बाद, पुलिस ने चांदनी चौक, दंगल मैदान, बांकेहंडी मंदिर और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने लगे कैमरों की फुटेज खंगाली।
इस दौरान पता चला कि KATRA NEEL LOOT में तीन में से दो अपराधी एक ऑटो-रिक्शा में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास से गुजरे थे। ऑटो को ट्रैक करते हुए पुलिस शाहदरा पहुंची, जहां सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि सभी संदिग्ध लोनी के रास्ते बागपत की ओर गए।

बागपत में संदिग्धों की तस्वीरें दिखाने पर एक संदिग्ध की पहचान निखिल (थ्योडी, बरौत का निवासी) और दूसरे की शेखर (इंदिरा कॉलोनी, निवाड़ा) के रूप में हुई। पुलिस ने तुरंत शेखर के घर पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। शेखर ने कबूल किया कि उसने निखिल, साहिल और तुषार के साथ मिलकर डकैती की थी। उसके पास से 13 लाख रुपये बरामद हुए। शेखर की निशानदेही पर निखिल को थ्योडी, बरौत से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 6.5 लाख रुपये मिले।
तुषार और साहिल की गिरफ्तारी
KATRA NEEL LOOT में शेखर ने पूछताछ में बताया कि उसने तुषार से इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क किया था। तुषार का इंस्टाग्राम प्रोफाइल चेक करने पर पता चला कि वह रोहतक के कलानौर के पास एक गांव में रहता है। जांच में यह भी सामने आया कि तुषार और शेखर की मुलाकात तिहाड़ जेल में हुई थी, जहां तुषार 2023 में एक डकैती के मामले में बंद था। तुषार को शेखर के भाई दिवांश उर्फ रावण ने जेल में मिलवाया था। ICJS और जेल रिकॉर्ड की जांच से तुषार की पहचान गांव बल्लभ, रोहतक के निवासी के रूप में हुई।
तुषार की तस्वीर शेखर ने पहचान ली। इसके बाद गांव बल्लभ में छानबीन से साहिल (गांव सुदाना, रोहतक) की पहचान हुई। दोनों को उनके गांव से गिरफ्तार किया गया। साहिल के पास से 6,50,000 रुपये और तुषार के पास से 7,80,000 रुपये व अपराध में इस्तेमाल किया गया देसी कट्टा बरामद हुआ।
KATRA NEEL LOOT पूछताछ में खुला राज
पूछताछ में शेखर ने बताया कि उसने एक परिचित से पुरानी दिल्ली में नकद लेनदेन वाले ऑफिसों की जानकारी ली थी। उसने कई बार इन जगहों का मुआयना किया और अपने भाई दिवांश उर्फ रावण (जो तिहाड़ जेल में बंद है) को इसकी जानकारी दी। दिवांश ने जेल में अपने साथी तुषार को शेखर का इंस्टाग्राम ID दिया और संपर्क करने को कहा। जेल से रिहा होने के बाद तुषार और शेखर ने योजना बनाई। शेखर ने तुषार और एक अन्य लड़के को पुरानी दिल्ली बुलाया।
शेखर और निखिल ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर उनकी अगवानी की। योजना के मुताबिक, निखिल, तुषार और साहिल ने ऑफिस में डकैती की, जबकि शेखर मोटरसाइकिल पर दूर से निगरानी कर रहा था। डकैती के बाद चारों बागपत भागे, जहां उन्होंने KATRA NEEL LOOT का पैसा बांटा। इसके बाद निखिल और शेखर अपने घर लौट गए, जबकि तुषार और साहिल रोहतक चले गए।
आरोपियों का आपराधिक इतिहास
शेखर (24, निवाड़ा, बागपत): इस डकैती का मास्टरमाइंड। उसने पहले आर्म्स एक्ट के तहत जेल काटी थी। उसने कटरा नील और आसपास के इलाकों की रेकी की थी।
निखिल (22, थ्योडी, बरौत): शेखर का दोस्त। उसने तुषार और साहिल को ऑफिस के अंदर ले जाने में मदद की।
तुषार (23, बल्लभ, रोहतक): उसने साहिल के साथ डकैती को अंजाम दिया। उसने ऑफिस के गेट पर गोली चलाई और धमकी दी। वह पहले द्वारका में डकैती के मामले में जेल जा चुका है।
साहिल (21, सुदाना, रोहतक): तुषार के साथ डकैती में शामिल। उसने भी गेट पर गोली चलाई। उसके खिलाफ अपने गांव में मारपीट का केस दर्ज है।
बरामदगी
33,90,000 रुपये नकद
दो देसी कट्टे और एक .315 बोर की जिंदा कारतूस
अपराध के दौरान पहने गए कपड़े

रिकॉर्ड और तकनीक के सहारे पहुंची पुलिस अपराधियों तक
पुलिस आयुक्त (नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट) राजा बांठिया ने बताया कि इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए इंस्टाग्राम ID, जेल रिकॉर्ड और ICJS रिकॉर्ड का सहारा लिया गया। यह सफलता नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का नतीजा है।
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