( Crime Episode )
Rarest Of Rare
मेघालय के खूबसूरत चेरापूंजी इलाके में एक हनीमून ट्रिप पर गए दंपत्ति के बीच जो हुआ, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया।

23 मई 2025 को राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी नोंग्रियाट स्थित एक होमस्टे से चेकआउट करने के बाद लापता हो गए। कुछ दिनों बाद राजा का शव एक गहरी खाई में मिला, और इस रहस्य से पर्दा उठने लगा कि ये केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी, जिसमें उनकी पत्नी ही मास्टरमाइंड निकली।
Crime Episode With Tipu Sultan
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार राजा के सिर पर आगे और पीछे धारदार हथियार से दो बार हमला किया गया था। इस मामले में मेघालय की एसआईटी (SIT) ने खुलासा किया कि राजा की पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी विशाल चौहान और उसके दो दोस्तों – राज कुशवाहा और आकाश राजपूत – को 50,000 रुपये देकर हत्या की सुपारी दी थी। इसके बाद राजा को धोखे से खाई के किनारे ले जाया गया और कुल्हाड़ी जैसे हथियार से हमला कर खाई में धकेल दिया गया।
क्या सोनम को हो सकती है मौत की सजा?
अब सवाल उठता है – क्या यह केस ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ (Rarest Of Rare) की श्रेणी में आता है, जिसमें कोर्ट मौत की सजा दे सकती है?
सुप्रीम कोर्ट के वकील अनिल कुमार सिंह श्रीनेत बताते हैं कि ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ (Rarest Of Rare) सिद्धांत 1980 के बेचन सिंह बनाम स्टेट ऑफ पंजाब मामले में तय किया गया था। इसके अनुसार, केवल वही केस इस श्रेणी में आता है जो समाज के सामूहिक विवेक को झकझोर दे, असाधारण रूप से घृणित, क्रूर और योजनाबद्ध हो।
राजा रघुवंशी की हत्या बिल्कुल ऐसी ही लगती है। पत्नी ने बेहद क्रूरता के साथ प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची, पति को धोखे से पहाड़ों में ले जाकर बेरहमी से मारा, और फिर शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की। इस तरह का अपराध केवल पति-पत्नी के निजी जीवन तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में विवाह जैसे पवित्र रिश्ते की भी हत्या है।

सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसले क्या कहते हैं?
भारत में जगमोहन सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (1972) और मच्छी सिंह बनाम पंजाब राज्य जैसे मामलों में मृत्युदंड को संविधान सम्मत माना गया है, लेकिन इसे एक अपवाद माना गया है। वहीं मिठू बनाम पंजाब राज्य (1983) में IPC की धारा 303 को असंवैधानिक ठहराया गया था।
इन सभी मामलों में एक बात स्पष्ट रही है – अगर अपराध असाधारण रूप से क्रूर और समाज को झकझोरने वाला हो, और अभियुक्त के सुधार की कोई संभावना न हो, तो मृत्युदंड दिया जा सकता है।
फांसी की सजा में 45% बढ़ोतरी: क्या राजा मर्डर केस बनेगा नया उदाहरण?
2023 तक भारत में 561 कैदियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी थी। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2023 के बीच मौत की सजा के मामलों में 45% की बढ़ोतरी हुई है, जिनमें अधिकांश रेप के बाद हत्या से जुड़े थे।
राजा रघुवंशी की हत्या में भले ही रेप न हो, लेकिन जिस साजिश, धोखे और नृशंसता से अपराध हुआ, वह समाज में वैवाहिक रिश्तों की नींव को ही कमजोर करता है। ऐसे में कोर्ट इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ (Rarest Of Rare) मानते हुए सोनम को फांसी की सजा सुना सकता है।

रिश्ते की आड़ में कत्ल! क्या अदालत सोनम को देगी मृत्युदंड?
राजा रघुवंशी मर्डर केस केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि भरोसे, रिश्ते और समाज की बुनियाद पर हमला है। यदि कोर्ट इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ (Rarest Of Rare) मानती है, तो सोनम रघुवंशी को फांसी की सजा मिल सकती है – ताकि ऐसा अपराध दोबारा कोई और करने की हिम्मत न करे।
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