नई दिल्ली, 26 मई 2025
8 साल की बच्ची को मिला इंसाफ: दिल्ली पुलिस के आउटर जिले के निहाल विहार थाने की टीम ने एक संवेदनशील मामले में सराहनीय कार्य करते हुए 8 वर्षीय मासूम बच्ची को न्याय दिलाया है।

फरवरी 2021 में दर्ज हुए इस जघन्य यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए अदालत ने 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही ₹5,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।
टीपू सुल्तान
क्राइम एपिसोड
बच्ची का मुंह दबाकर उसे चुप कराया
फरवरी 2021 में निहाल विहार थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि जब उसकी 8 साल की बेटी कपड़े उठाने छत पर गई थी, तब पास में रहने वाला युवक भी छत पर आ गया। उस समय छत पर कोई और मौजूद नहीं था और वहां अंधेरा था। आरोपी ने बच्ची का मुंह दबाकर उसे चुप कराया और इस एकांत का फायदा उठाकर उसके साथ यौन शोषण किया।
आरोपी उसी इमारत में पीड़िता के परिवार के बगल वाले कमरे में किराए पर रहता था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत आईपीसी की धारा 376 और POCSO एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया।
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दबिश दी और आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया
थाना निहाल विहार की टीम ने बिना देर किए कई स्थानों पर दबिश दी और आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया।
महत्वपूर्ण सबूत, विशेषकर DNA प्रोफाइलिंग, ने आरोपी को घटना स्थल से सीधा जोड़ दिया, जिससे जांच को मजबूत आधार मिला।
जांच अधिकारी (W/SI सिसीलिया एक्का) ने शुरुआती दौर में गहन पड़ताल की नींव रखी, जबकि W/SI प्रियंका ने बाद में चार्जशीट दायर कर न्याय प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। दोनों अधिकारियों ने पेशेवर दक्षता, लगन और संवेदनशीलता के साथ अपना कार्य किया।

सभी आवश्यक फॉरेंसिक नमूनों को सावधानीपूर्वक एकत्र कर प्रयोगशाला भेजा गया। अदालती कार्यवाही के दौरान, जांच अधिकारी ने महत्वपूर्ण गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित की और कोर्ट में मजबूत व वैधानिक साक्ष्य प्रस्तुत किए।
20 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई
यह मामला माननीय न्यायाधीश सुश्री बबीता पुनिया (ASJ POCSO-02), पश्चिम जिला, तिस हजारी अदालत के समक्ष पेश किया गया था। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई और ₹5,000 का जुर्माना भी लगाया।

️ आरोपी का प्रोफाइल:
- नाम: धर्मेंद्र उर्फ बाबा
- निवास: नांगलोई, दिल्ली
- आयु: 23 वर्ष (अपराध के समय 19 वर्ष)
- व्यवसाय: जूता फैक्ट्री में कार्यरत, निहाल विहार में किराए पर रह रहा था।
️ कठोर मेहनत, समर्पण और प्रभावशाली
सचिन शर्मा, आईपीएस, उपायुक्त पुलिस (आउटर जिला) ने मामले की सफल जांच पर टीम की कठोर मेहनत, समर्पण और प्रभावशाली अनुसंधान की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह मामला दर्शाता है कि यदि पीड़ित को समय पर सहयोग और सशक्त कानूनी समर्थन मिले, तो न्याय निश्चित रूप से संभव है।
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मासूम को मिला इंसाफ
इस मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका एक मिसाल बनकर सामने आई है। निहाल विहार थाना पुलिस की तत्परता और विवेचना अधिकारियों की सजगता के चलते एक मासूम को इंसाफ मिला। यह न केवल कानून व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि ऐसे घिनौने अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।