आतंकवाद की नई साजिश: नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है।
इस ऑपरेशन में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो आरोपियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान योजना) के लाभार्थी बताया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस योजना के माध्यम से जिहाद के लिए धन जुटाने का आरोप है। आरोपियों के पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। इस घटना ने न केवल आतंकवादी संगठनों की नई रणनीति को उजागर किया है, बल्कि सरकारी योजनाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्राइम एपिसोड
आतंकवाद की नई साजिश: ऑपरेशन का खुलासा
आतंकवाद की नई साजिश: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 22 अगस्त को केंद्रीय एजेंसियों के इनपुट के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया। इस इनपुट में जानकारी दी गई थी कि झारखंड स्थित एक कट्टरपंथी समूह दिल्ली में आतंकवादी हमले की योजना बना रहा है। इसके बाद पुलिस ने झारखंड और दिल्ली में छापेमारी की और 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में पता चला कि यह समूह अल कायदा से प्रेरित था और उन्होंने पीएम-किसान योजना का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के लिए किया था।
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आतंकवाद की नई साजिश: गिरफ्तारी और बरामदगी
गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो व्यक्ति पीएम-किसान योजना के लाभार्थी हैं। पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों ने योजना के तहत मिले धन का उपयोग हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए किया। पुलिस ने उनके पास से कई अवैध हथियार, गोला-बारूद और डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों ने जिहादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से योजना के तहत फर्जी फॉर्म भरवाए थे। अब उन व्यक्तियों की तलाश की जा रही है, जिन्होंने इन आरोपियों के कहने पर योजना के लिए फॉर्म भरे थे।
आतंकवाद की नई साजिश: कोर्ट में पेशी और जांच की दिशा
गिरफ्तारी के बाद, सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर ने आठ आरोपियों की छह दिनों की पुलिस हिरासत मंजूर की। पुलिस ने दलील दी कि उन्हें अभी अन्य संदिग्धों की पहचान करनी है, जो इस साजिश में शामिल हो सकते हैं।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला गंभीर है और आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस को और समय दिया जाना चाहिए। जांच अधिकारी ने यह भी बताया कि आरोपियों के फोन और डिजिटल उपकरणों से मिले सबूतों के आधार पर उनकी गतिविधियों का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है।
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आतंकवाद की नई साजिश: पीएम-किसान योजना का दुरुपयोग
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। लेकिन इस योजना का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से करना बेहद चौंकाने वाला है।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने इस योजना के तहत फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके पैसे प्राप्त किए। इन पैसों का उपयोग हथियारों की खरीद, कट्टरपंथी साहित्य के प्रसार, और संभावित आतंकी हमलों की योजना बनाने के लिए किया गया।
सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का प्रयास
जांच में सामने आया कि यह आतंकी मॉड्यूल अल कायदा की विचारधारा से प्रेरित था। इस मॉड्यूल के सदस्य न केवल हथियारों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे, बल्कि वे सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथ की ओर प्रेरित कर रहे थे।
आरोपियों ने झारखंड और दिल्ली में अपनी गतिविधियों का जाल बिछा रखा था। झारखंड में यह मॉड्यूल स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहा था।
NIA और ED की संयुक्त कार्रवाई से बड़े खुलासे
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने इस मामले में अपनी सतर्कता और सक्रियता का परिचय दिया है। इस ऑपरेशन में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एजेंसियों का कहना है कि यह मामला आतंकवाद के वित्तपोषण के नए तरीकों को उजागर करता है। पीएम-किसान योजना का दुरुपयोग एक बड़ा संकेत है कि आतंकवादी संगठन अब सरकारी योजनाओं को भी निशाना बना रहे हैं।
आरोपियों और उनके नेटवर्क पर निगरानी बढ़ाने की तैयारी
इस मामले में दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां आगे की जांच कर रही हैं। जिन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए योजना के तहत पैसे प्राप्त किए, उनकी पहचान की जा रही है। साथ ही, आरोपियों के डिजिटल उपकरणों और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।
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सरकारी योजनाओं को सुरक्षित बनाने के उपायों पर विचा
यह घटना न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी एक चेतावनी है। सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। इसके साथ ही, योजनाओं के लाभार्थियों की पृष्ठभूमि की भी सख्ती से जांच की जानी चाहिए।
पीएम-किसान योजना के दुरुपयोग पर बड़ा सवाल
दिल्ली पुलिस द्वारा अल कायदा के इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ एक बड़ी सफलता है। यह घटना दर्शाती है कि आतंकवादी संगठन अब नए-नए तरीकों का उपयोग कर रहे हैं। इस मामले में पीएम-किसान योजना का दुरुपयोग होना न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह सरकारी योजनाओं की निगरानी की जरूरत को भी उजागर करता है।
आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को देनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ नागरिकों की जागरूकता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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