महिला की ठगी की कहानी: ऑनलाइन धोखाधड़ी और बैंक की असावधानी से नुकसान महिला ने गंवाए 11.50 लाख रुपये
महिला की ठगी की कहानी: नई दिल्ली की एक महिला ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गईं। यह घटना तब हुई जब उन्होंने इंटरनेट पर एक हेल्पलाइन नंबर सर्च किया।
इस धोखाधड़ी में ठगों ने उनके बैंक खाते से कुल 11.50 लाख रुपये निकाल लिए। महिला ने अपने पैसे बचाने के लिए एफडी का सहारा लिया, लेकिन ठगों ने उसमें से भी बड़ी रकम निकाल ली।
क्राइम एपिसोड
महिला की ठगी की कहानी: ऑनलाइन ऐप के माध्यम से हुई ठगी की वारदात
महिला की ठगी की कहानी: पीड़िता, जो मयूर विहार फेज़-1 की रहने वाली हैं, ने 18 दिसंबर को एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से घरेलू सामान ऑर्डर किया था। ऑर्डर में दूध की थैली फटी हुई आने पर उन्होंने शिकायत दर्ज करने के लिए इंटरनेट पर संबंधित कंपनी का हेल्पलाइन नंबर खोजा। दुर्भाग्यवश, जो नंबर उन्होंने सर्च किया वह एक फर्जी नंबर था।
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महिला की ठगी की कहानी: फर्जी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल से शुरू हुई ठगी
इंटरनेट पर मिले इस नंबर पर कॉल करने के बाद दूसरी तरफ से एक ठग ने उनसे बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड की डिटेल मांग ली। महिला ने इन जानकारियों को साझा कर दिया। 19 दिसंबर को ठग ने उन्हें वॉट्सऐप कॉल करके और भी जानकारी मांगी। इसी दौरान उनका बेटा वहां पहुंचा और उसे स्थिति पर शक हुआ। बेटे ने मां का फोन चेक किया तो पाया कि कई असफल ट्रांजैक्शन के मैसेज फोन पर आए हुए थे।
दो बार में एक लाख रुपये की ठगी का खुलासा
बेटा तुरंत अपनी मां को मयूर विहार फेज़-1 स्थित ऐक्सिस बैंक की शाखा में लेकर गया। बैंक कर्मचारी ने जब उनका खाता चेक किया, तो पता चला कि 18 दिसंबर को दो बार में कुल एक लाख रुपये निकाले जा चुके थे।
पीड़िता का कहना है कि उनके फोन पर इन ट्रांजैक्शनों के कोई अलर्ट नहीं आए थे। उन्होंने बैंक कर्मचारी से तुरंत उनका अकाउंट फ्रीज करने की गुजारिश की। इस पर बैंक अधिकारी ने उन्हें सलाह दी कि बची हुई रकम को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश कर दें, ताकि वह सुरक्षित रहे। महिला ने 15 लाख और तीन लाख की दो एफडी बनवा दीं।
15 लाख रुपये वाली एफडी तोड़ी गई
20 दिसंबर को बेटे ने जब अपनी मां का फोन फिर से चेक किया, तो यह पाया कि 15 लाख रुपये वाली एफडी तोड़ दी गई थी। चार अलग-अलग ट्रांजैक्शनों में कुल 10.50 लाख रुपये निकाल लिए गए थे। मां-बेटा तुरंत बैंक पहुंचे और मामले की जानकारी दी। वहां उन्हें दूसरे अधिकारी से बात करनी पड़ी।
इस बार बैंक के कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव भावना ने उन्हें बताया कि 19 दिसंबर को फ्रॉड का पता चलने पर तुरंत उनका अकाउंट ट्रांसफर कर देना चाहिए था। इसके अलावा, इंटरनेट और फोन बैंकिंग सेवाएं भी बंद कर देनी चाहिए थीं। बैंक की लापरवाही को देखते हुए, पीड़िता ने 1930 पर कॉल करके साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई।
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साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो आपको सुरक्षित रख सकते हैं:
- ऑफिशियल वेबसाइट से जानकारी लें: किसी भी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर, पता, या अन्य जानकारी केवल उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त करें। इंटरनेट पर उपलब्ध अनवेरिफाइड नंबरों पर भरोसा न करें।
- नंबर और एड्रेस को वेरिफाई करें: इंटरनेट पर सर्च किए गए नंबर या एड्रेस की प्रामाणिकता जांचें।
- डिटेल्स साझा न करें: कभी भी अपने बैंक खाते, क्रेडिट कार्ड, या डेबिट कार्ड की डिटेल्स किसी अंजान व्यक्ति के साथ साझा न करें।
- साइबर क्राइम की रिपोर्ट करें: किसी भी फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
- बची रकम को तुरंत ट्रांसफर करें: फ्रॉड का पता चलने पर बची हुई रकम को तुरंत किसी सुरक्षित खाते में ट्रांसफर करें।
- इंटरनेट और फोन बैंकिंग बंद करें: धोखाधड़ी की आशंका होने पर तुरंत अपने अकाउंट की इंटरनेट और फोन बैंकिंग सेवाओं को बंद करवाएं।
- एफडी और अन्य विकल्प: अगर बड़ी रकम खाते में हो, तो उसे तुरंत एफडी या अन्य सुरक्षित विकल्पों में निवेश करें। लेकिन यह सुनिश्चित करें कि एफडी को केवल बैंक की शाखा से ही संचालित किया जा सके।
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बैंक अधिकारियों की लापरवाही ने बढ़ाई पीड़िता की परेशानी
नई दिल्ली की इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि इंटरनेट पर अनजाने नंबर सर्च करना कितना खतरनाक हो सकता है। इस घटना में न केवल ठगों ने महिला को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया, बल्कि बैंक अधिकारियों की लापरवाही ने भी उनकी परेशानी बढ़ाई। इसलिए, ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान सतर्कता बरतना और अपनी बैंकिंग जानकारी की सुरक्षा करना बेहद आवश्यक है।