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सीमा देवी और सुमन हुड्डा: पुलिस विभाग में नई प्रेरणा का संचार 2024 !
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सीमा देवी और सुमन हुड्डा: पुलिस विभाग में नई प्रेरणा का संचार 2024 !

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: दिल्ली पुलिस की बाहरी उत्तरी जिले की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) में तैनात दो महिला हेड कांस्टेबल, सीमा देवी और सुमन हुड्डा, ने ऐसा सराहनीय कार्य किया है, जिसने समाज और पुलिस विभाग में उनकी अलग पहचान बनाई है।

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: पुलिस विभाग में नई प्रेरणा का संचार 2024 !

इन दोनों ने पिछले नौ महीनों में ‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत 104 लापता बच्चों को खोज निकाला और उन्हें उनके परिवारों से मिलाया। उनके इस योगदान को न केवल पुलिस विभाग बल्कि आम जनता से भी सराहना मिल रही है।

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टीपू सुल्तान

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सीमा देवी और सुमन हुड्डा: चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक अभियान

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: मार्च 2024 से शुरू हुए इस अभियान में सीमा और सुमन ने हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के दूर-दराज के इलाकों में जाकर बच्चों को तलाशा। इस दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जैसे कि नई जगहों पर जाना, बच्चों की पुरानी तस्वीरों के कारण पहचान में मुश्किलें आना, और स्थानीय लोगों से अपेक्षित सहयोग न मिल पाना। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से हर चुनौती को पार करते हुए 104 बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने में सफलता प्राप्त की।

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सीमा देवी और सुमन हुड्डा: पुरानी तस्वीरें और भाषा बनी बड़ी बाधा

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: सीमा देवी ने बताया कि गुमशुदा बच्चों को पहचानने में सबसे बड़ी चुनौती उनकी पुरानी तस्वीरें थीं। कई बार बच्चे बड़े हो जाते थे, और उनकी शक्ल इतनी बदल जाती थी कि पहचान करना मुश्किल हो जाता था। परिवार के पास बच्चों की हाल की तस्वीरें नहीं होने से दिक्कतें और बढ़ जाती थीं। इस स्थिति में माता-पिता को बच्चों की पहचान के लिए खुद आना पड़ता था।

इसके अलावा, अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती थीं, जिससे संवाद में बाधा उत्पन्न होती थी। उन्होंने स्थानीय पुलिस और रेलवे स्टेशनों के फेरीवालों की मदद से इस समस्या का समाधान किया।

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: रेलवे स्टेशन और अजनबियों के सुराग

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: सुमन हुड्डा ने बताया कि रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप्स जैसी जगहों पर घूमने वाले फेरीवाले और भीख मांगने वाले लोग उनकी जांच में मददगार साबित हुए। गुमशुदा बच्चों की तस्वीरें दिखाने पर कई बार उन्हें ऐसे सुराग मिले, जिनकी मदद से बच्चों को ढूंढा जा सका।

एक मामले में, बवाना से लापता एक 13 वर्षीय बच्ची को ढूंढने में इन्हीं सुरागों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बच्ची ने अलग-अलग नंबरों से अपने घर संपर्क किया था, लेकिन नंबर बार-बार बदलने के कारण उसका पता लगाना मुश्किल हो गया था। साइबर टीम की मदद से फोन की आखिरी लोकेशन का पता लगाया गया और बच्ची को नोएडा के जारचा इलाके से छुड़ाया गया, जहां वह घरेलू काम कर रही थी।

सीमा देवी और सुमन हुड्डा: कई किलोमीटर पैदल चलने का हौसला

अक्सर दूर-दराज के इलाकों में, जहां परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं होते, सीमा और सुमन को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। ऐसे में उन्होंने गांव के लोगों का भरोसा जीतने के बाद घर-घर जाकर बच्चों की तलाश की। हालांकि, कुछ लोग पुलिस से सहयोग करने में झिझकते थे, लेकिन सीमा और सुमन की दृढ़ता ने सभी मुश्किलों को आसान बना दिया।

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सोशल मीडिया पर बच्चों के गुम होने के कारण

पुलिस ने बताया कि 13 से 17 साल के बच्चे अक्सर सोशल मीडिया पर अजनबियों के बहकावे में आ जाते हैं। इनमें से कई बच्चे प्रेम प्रसंग, नशे, माता-पिता की उपेक्षा या शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं के कारण घर छोड़ देते हैं। इस स्थिति में, परिवार को सतर्क रहने और बच्चों के साथ नियमित संवाद बनाए रखने की जरूरत है।

मां होने के नाते महसूस की जिम्मेदारी

सीमा देवी, जो खुद दो बच्चों की मां हैं, ने कहा कि जब वह अपने काम के सिलसिले में कई दिनों तक घर से दूर रहती हैं, तो उनका छोटा बेटा उन्हें बहुत याद करता है। यह अनुभव उन्हें गुमशुदा बच्चों और उनके परिवारों की पीड़ा को समझने में मदद करता है। उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों से बात करें और यह सुनिश्चित करें कि वे किसके संपर्क में हैं।

समाज और पुलिस के लिए एक प्रेरणा

सुमन हुड्डा ने बताया कि बच्चों को उनके परिवारों से मिलाकर उन्हें गर्व और सुकून का अनुभव होता है। उनका मानना है कि ऐसे अभियान समाज में जागरूकता फैलाने और बच्चों को सही दिशा दिखाने के लिए बेहद जरूरी हैं।

पुलिस विभाग की सराहना

बाहरी उत्तरी जिले के डीसीपी निधिन वलसन ने कहा कि सीमा और सुमन ने ‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत जो अद्भुत काम किया है, वह एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की सफलता का प्रतीक है। उनका यह योगदान न केवल बच्चों की तस्करी के खिलाफ हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि पुलिस हमेशा उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर है।

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पुलिस विभाग में नई प्रेरणा का संचार

सीमा देवी और सुमन हुड्डा का यह प्रयास समाज और पुलिस विभाग के लिए एक प्रेरणा है। उनकी मेहनत और समर्पण ने न केवल 104 बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया, बल्कि यह साबित किया कि अगर दृढ़ संकल्प हो, तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

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